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हम एडवेंचर ट्रिप के 22 साल पुराने दोस्त हैं। अक्सर ट्रेकिंग, पहाड़ या नदी किनारे साथ वक्त गुजारने में अपनापन महसूस होता था। यहीं से सोच बनी कि जब चंद घंटे साथ रहने में इतना फील गुड है तो जीवनभर का साथ कितना सुकून देगा। मेरी इस सोच से अन्य दोस्त भी सहम
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एक ऐसा घर जहां हम सभी दोस्त साथ रह सकें। यह कहना है कैंसर सर्जन डॉ. अरुण अग्रवाल (68) का, जो प्रेम गुप्ता और हेमंत अग्रवाल के साथ एक ही जगह रह रहे हैं। इनके 3 अन्य दोस्त भी जल्द यहां शिफ्ट होने वाले हैं।
74 वर्षीय बिजनेसमैन प्रेम गुप्ता बताते हैं, मैं उप्र से हूं। इंदौर में कोई रिश्तेदार नहीं, पर दोस्तों की खातिर यहीं शिफ्ट हो गया। सीता गुप्ता कहती हैं बेटा और बहू विदेश में हैं इसलिए अब ये दोस्त ही हमारा सबकुछ हैं। मुख्य किचन में सभी साथ खाते हैं।
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