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Good rain recorded in the documents since last year | दस्तावेजों में पिछले वर्ष से अच्छी बारिश दर्ज: औसत आंकड़े के आधे आंकड़े को बरसात ने किया पार – Shivpuri News

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शिवपुरी में पिछले तीन दिनों से आसमान पर बादल छाये हुए हैं बीच बीच में हल्की बारिश भी देखने को मिल रहे हैं। आज शनिवार की दोपहर शिवपुरी में कुछ देर के लिए अच्छी बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में जिले में महज 7 मिमी बारिश दर्ज की गई हैं। जबकि पिछले तीन दिनों

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बारिश की धीमीं रफ़्तार बारिश के मौसम की शुरुवार से ही रही हैं। मानसून आने के वाद से एक दिन बारिश फिर दो दिनों तक तेज धूप निकलती रही हैं। जिससे दस्तावेजों में बारिश का आंकड़ा बढ़ा, लेकिन धरातल पर बारिश का असर नहीं हुआ। आंकड़ों की माने तो जिले में बारिश औसत आंकड़े के आधे आंकड़े को पार कर चुकी हैं। हर रोज यह आंकड़ा कुछ मिमी बारिश के साथ लगातार बढ़ रहा हैं।

आंकड़ों में बढ़ा बारिश का आंकड़ा

शिवपुरी जिले में जारी बारिश के आंकड़े के मुताबिक़ अब तक जिले में 488.13 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है। ख़ास बात यह भी हैं कि पिछले वर्ष आज दिनांक तक 438.80 बारिश दर्ज हुई थी यानीं पिछले वर्ष की तुलना में इस वार आज दिनांक 50 मिमी अधिक बारिश हो चुकी हैं। लेकिन पिछले तीन दिनों का आंकड़ा बता रहा हैं कि पिछले तीन दिनों में महज 21 मिमी बारिश हुई हैं।

जिले की औसत वर्षा का 816.3 मिमी हैं। अब तक 488.13 मिमी बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि जिले में सबसे अच्छी बारिश कोलारस में 649.60 मिमी दर्ज हुई हैं। सबसे बारिश करैरा में 352 मिमी हुई हैं। इसके अतिरिक्त नरवर में 558, पिछोर में 534, बदरवास में 492.20, खनियाधाना में 459, बैराड़ में 458, पोहरी में 458 और शिवपुरी में 432.40 मिमी बारिश दर्ज हुई हैं।

झरनों और नदियों की धीमी पड़ी है रफ्तार

अच्छी बारिश ना होने के चलते शिवपुरी जिले के नदी, नाले, झरने धीमी रफ़्तार से वह रहे हैं। जिले में करीब एक दर्जन से से अधिक छोटे-बड़े झरने हैं। लेकिन कई झरने वहना शुरू भी नहीं हुए हैं। हालांकि पवा के झरने के बहने की बीच बीच में तस्वीरें सामने आती रहीं हैं।

इसके साथ ही ऊपरी जिलों में कम वर्षा होने के चलते अटल सागर बांध भी अब तक 27 फीसदी ही भर सका हैं। हालात ऐसे हैं कि बारिश के मौसम में नरवर तहसील के किसानों को धान की फसल के लिए नहर का पानी खुलवाना पड़ा हैं। गौरतलब है कि जिले हालात ऐसे हैं कि नरवर तहसील के करीब 23 गांव के किसानों के पास धान की खेती करने के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं बची हैं।

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