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शासकीय और निजी संस्था, व्यक्तियों की ओर से आवासीय, व्यवसायिक, कृषि काम औप पेयजल के लिए बोर का उत्खनन कराया जाता है। बोर मे पानी नही आने अथवा बोर उपयोग मे नही लियेए जाने की स्थिति में उत्खनित बोर को खुला छोड़ दिया जाता है। इस गंभीर लापरवाही के कारण बच
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लोक शांति एवं कानून व्यवस्था तथा जनहित को ध्यान मे रखने की दृष्टि से जिला दण्डाधिकारी प्रवीण सिंह द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत आदेश जारी किये गये है। बोर खनन करते समय भूमि स्वामी एवं बोर खननकर्ता किसी भी स्थिति मे बोर का मुख खुला नही छोडेगे।
जिन बोरवेल मे पानी नही है तथा जिन्हे उपयोग मे नही लाया जा रहा है, उन बोरवेल को भूमि स्वामी, मकान मालिक, संस्था प्रमुख खुला नहीं रखेंगे और समस्त बोरवेल को लोहे की प्लेट सीमेंट या मजबूत केप से बंद किये बिना नही रखेगें। भूमि स्वामी, मकान मालिक, संस्था प्रमुख खाली बोरवेल को चारो तरफ से बिना फेंसिंग के नही रखेगें।
इस आदेश के उल्लंघन करने बाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। खुले बोरवेल की जानकारी किसी नागरिक के संज्ञान मे आती है तो वह अबिलंब इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी को वॉट्सऐप के माध्यम से खुले बोर के फोटोग्राफ एवं स्थान की जानकारी के साथ मोबाइल (9303628757) पर देगें। सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी गुप्त रखी जावेगी।
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