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भाजपा के जिला महामंत्री और दो बार भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रहे सदन आर्य ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जिला संगठन पर माफिया को संरक्षण देने, जातिवाद, परिवारवाद बढ़ाने का आरोप लगाते हुए संगठन में पदों के बिकने तक पर दु
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सहकारी चुनाव में अपने समर्थकों की हार के बाद सदन आर्य गुस्से में भरे हुए है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में कहा की बैतूल जिले के चिचोली नगर मण्डल का एक सक्रिय कार्यकर्ता हूं। लंबे समय से जिला संगठन में जो रवैया अपनाया जा रहा है। वह पार्टी संविधान के खिलाफ है। एक या दो परिवार के लोगों को ही विभिन्न पदों पर बैठाने, जातिवाद एवं परिवारवाद को बढ़ावा देने और पैसे वाले माफियाओं को संरक्षण देने जैसी गतिविधियों से मैं अत्यन्त दुखी हूं। इन कारणों से, संगठन में पदों के बिकने की धारणा भी बन रही है।उक्त सभी कारणों से निराश होकर, में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।

भाजपा के जिला महामंत्री सदन आर्य ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा।
सहकारी चुनाव बना गुस्से की वजह
माना जा रहा है की पिछले शनिवार हुए चिचोली सहकारी समिति के चुनाव में उनके समर्थकों के हार जाने से वे बेहद दुखी और गुस्से में है। उन्होंने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि वे निष्ठा से ईमानदारी से काम करते रहे हैं। संघ के स्वयंसेवक रहे हैं। हालांकि, कई दिनों से पार्टी नेतृत्व में कोई बात करो तो अहंकार से बात करना, किसी की बात ना सुनना,सामान्य शिष्टाचार, सदाचार भी नहीं रहा है।
जो लोग जनसंघ के जमाने से जुड़े है। उनके परिवार पार्टी में दरी उठाते रहे हैं। उनको टेबल पर चुनाव हरवा दिया जा रहा है। माफिया की दबाव में लगातार इस तरह की कारवाइयां की जा रही है। मैं इसकी लगातार शिकायत कर रहा हूं। न्याय पानी की कोई सीमा है। नीचता की पराकाष्ठा है। मत पेटियां बदल देना, चार्ज शीट न देना, काउंटिंग की सूचना न देना। जीते लोगों के वोट किसी और को ट्रांसफर कर देना जैसे काम हुए है। मुझे बेइज्जत करने का प्रयास किया गया है।
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