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खरगोन जिले के कसरावद तहसील के विशाल मोयदे (24) सांगवी के वडोदरा में अपने हार्ट, लीवर, किडनी, फेफड़े, आंत, अमाशय सहित 7 अंग दान किए। उसने मरीजों की जान बचाई। कॉरिडोर बनाकर अंग अलग-अलग अस्पतालों में भेजे गए। विशाल का ब्रेन हेमरेज से मस्तिष्क में ब्लड क
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बड़ोदरा के जायडस हॉस्पिटल में अंगदान की कार्रवाई हुई। जैसे ही विशाल के अंगों को आपरेशन थिएटर से बाहर निकाला गया तो विशाल की मां सुशीला मोयदे, पिता अंबाराम मोयदे व उपस्थित परिवार ने अंगों की पूजा करके अंतिम विदाई दी। इसके बाद 31 जुलाई को विशाल के पार्थिव शरीर को सांगवी लाकर देर शाम माकड़खेड़ा स्थित नर्मदा तट पर विशाल की अंत्येष्टि हुई।
डीएड परीक्षा में हुआ था सिरदर्द
विशाल के पापा अंबाराम मोयदे जुलवानिया स्कूल में शिक्षक हैं। परिवार में पत्नी के साथ दो बेटे थे। बड़ा बेटा विशाल पढ़ाई में अच्छा था। ग्रेजुएशन बाद डीएड को की परीक्षा देते दर्द हुआ। वे बताते हैं 2018 में पहली बार डीएड की परीक्षा देते समय उसे सिर में दर्द हुआ था। उसके बाद खरगोन इंदौर के अलावा गुजरात के अस्पताल में इलाज कराया गया।
पापा ने बताया- उसने कहा था मेरा जीवन अंतिम मुकाम तक पहुंच जाए और भगवान रूपी डाक्टरों की दवा भी काम न आए तो मां मेरे शरीर के अंगों को किसी जरूरतमंद गरीब को दान करा देना। यह बात पत्नी ने मुझे बताई थी। डाक्टरों की सलाह से अंगदान का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने परिवार के जरूरतमंद को पहले अंग देने की सलाह दी। उसके बाद ऑनलाइन वेटिंग लिस्टिंग देख 7 अंग दान की कार्रवाई शुरू हुई। लीवर, हार्ट, आंत, दोनों फेफड़े व दोनों किडनी दी गई।
मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद अंग भेजे
किड़नी जायडस हॉस्पिटल अहमदाबाद, लंग्स डी हॉस्पिटल अहमदाबाद, हार्ट रिलायंस हॉस्पिटल मुंबई, स्मॉल आईस्टिन MGM हॉस्पिटल चेन्नई, लीवर किरण हॉस्पिटल सूरत भेजी गई। इसके लिए बड़ीदरा में सुपर कॉरिडोर बनाकर अंगों को रवाना किया गया।
पहला मामला खरगोन का, तब इंदौर में बना था स्पेशल कॉरिडोर
5 अक्टूबर 2015 में खरगोन के बलवाड़ी निवासी 40 वर्षीय रामेश्वर खेड़े दुर्घटना में इंदौर में डाक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया था। तब प्रदेश में पहली बार लीवर ट्रांसप्लांट का ऐतिहासिक काम हुआ। लीवर गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल भेजा गया। तब अस्पताल से एयरपोर्ट तक एक घंटे के लिए ग्रीन कारिडोर बनाया गया था। लीवर के अलावा दोनों किडनियां, आंखें और स्किन भी दान की गई थी।
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