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In May, when the meter of the empty house jumped, the electricity bill came to 60 thousand rupees, in June, a bill of 1.26 lakh rupees was paid | ये कैसे स्मार्ट मीटर: मई में खाली मकान का मीटर जंप हुआ तो बिजली बिल आया 60 हजार रुपए, जून में दे दिया 1.26 लाख रुपए का बिल – Sagar News

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मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी बिजली उपभोक्ताओं की सहूलियत और गलत बिलिंग की समस्या दूर करने के लिए ​शहर के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के चौथी बार बिजली मीटर बदल रही है। इस बार इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। लेकिन उपभोक्

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लेकिन यहां हो उल्टा रहा है। उपभोक्ताओं के घर पहले से दोगुनी राशि का बिल पहुंच रहा है। जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। स्मार्ट मीटर में पुराने मीटर से अधिक रीडिंग आने पर उपभोक्ता शिकायतें लेकर बिजली कंपनी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कंपनी के अधिकारी उनकी समस्या का संतोषजनक निराकरण नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में पक्ष जानने के लिए बिजली कंपनी के नगर संभाग के सहायक अभियंता कुंदन कुमार से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

मीटर बदलने के ये कारण

} स्मार्ट मीटर लगने के बाद छेड़छाड़ व बिजली चोरी नहीं की जा सकेगी। } बिल जमा नहीं होने पर ऑनलाइन बिजली कनेक्शन काटा जा सकेगा। } रीडिंग मीटर पर अपने आप दर्ज हो जाएगी। मीटर रीडर की जरूरत नहीं। } उपभोक्ता रीडिंग डिस्प्ले पर देख सकेगा। बाद में बिल भी पहुंचेगा।

लगातार मिल रही शिकायतें, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

1. घरेलू कनेक्शन का 1 माह का बिल सवा लाख

किष्किंधा नगर में तो कंपनी के अधिकारियों ने घरेलू कनेक्शन का बिजली बिल 126643 रुपए दिया है। मकान मालिक संजय जैन के अनुसार पूरा परिवार गौरझामर में रहता है। सागर का मकान खाली पड़ा है। कभी कोई सागर आता है तो एक-दो दिन रुकता है। मकान में सिर्फ लाइट, पंखे और कूलर लगे हैं। फिर भी मई माह में 6709 यूनिट का 60758 रुपए का बिल जारी किया गया। सुधारने के लिए शिकायत की तो बिल तो नहीं सुधरा जून माह में 6799 यूनिट खपत का 126643 रुपए का बिजली बिल कंपनी ने थमा दिया है।

2. मई में 0 यूनिट, जून में ​ 656 यूनिट का बिल

केशवगंज वार्ड निवासी विनय शुक्ला ने बताया कि बिजली कंपनी ने घरेलू बिजली कनेक्शन का जून माह का बिजली बिल 656 यूनिट का 5496 रुपए दिया है। इसके पहले मई माह में 0 यूनिट का बिल आया था। बिजली विभाग के कर्मचारी हर माह रीडिंग लेने आते हैं। लेकिन मई माह में रीडिंग नहीं ली गई। जून में दो माह की रीडिंग का बढ़ा हुआ बिल दे दिया। इसमें यूनिट बढ़ने से चार्ज भी बढ़ गया। इसकी शिकायत करने गया था पर भीड़ इतनी थी कि मेरा नंबर आने तक लंच हो गया और अधिकारी चले गए।

3. बिल भरने की लिंक डाउनलोड नहीं हो रही

इंदिरा नगर निवासी एलपी तिवारी ने बताया कि सिविल लाइन स्थित सिंधी स्कूल के पास 4 माह से कई परिवारों की मीटर रीडिंग ही नहीं हुई है। पहले बिजली कंपनी का कर्मचारी हर महीने रीडिंग करने आता था। अब बिना रीडिंग लिए औसत खपत के बिल दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बिल भरने के लिए जो लिंक भेजी जा रही है। वह डाउनलोड नहीं हो रही है। 10 रुपए देकर एमपी ऑनलाइन से बिल भरना पड़ रहा है। इसकी बिजली ऑफिस जाकर शिकायत भी की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उपभोक्ता यहां कर सकते हैं शिकायत

बिजली बिलों में गड़बड़ी संबंधी शिकायत का कंपनी के अधिकारी संतोषजनक निराकरण नहीं करते तो उपभोक्ता वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर समाधान करा सकते हैं। मसलन संबंधित सहायक अभियंता और कार्यपालन अभियंता शिकायत का सही निराकरण नहीं करता तो उपभोक्ता अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता तथा कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक से शिकायत कर सकते हैं। यहां भी सुनवाई नहीं होने पर दस्तावेजों सहित डाक विभाग के जरिए सादे कागज पर विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जबलपुर और विद्युत नियामक आयोग में शिकायत की जा सकती है। स्मार्ट बिजली एप पर इनके पते उपलब्ध हैं।

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