[ad_1]
ग्वालियर में नकली नोट बनाते हुए पकड़े गए दोनों बदमाश 8वीं फेल हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी पर अच्छी पकड़ रखते है। जितनी सफाई से ये नकली करेंसी बना रहे थे, उसे देख एक बार तो क्राइम ब्रांच भी हैरत में पड़ गई थी। बदमाशों ने अब तक की पूछताछ में ग्वालियर के गुरु का
.
गुरु ने ही इन्हें नकली नोट बनाने का तरीका बताया। लेकिन, उसके बताए तरीके में कुछ कमियां थीं। जैसे- नोट में क्या ऐसे साइन होते हैं, जिन्हें आम लोग चेक कर नोट की पहचान कर सकते हैं, इसे इन्होंने इंटरनेट से समझा। इंटरनेट के जरिए ही सीखकर इन कमियों को दूर किया।
सब कुछ अच्छी तरह सीखा। दो महीने पहले ग्वालियर शहर के जागृति नगर में किराए पर रूम लेकर नकली नोट छापने लगे। ग्वालियर – चंबल में नकली नोट के कारोबार को फैलाना शुरू कर दिया। इनका मकसद पूरे प्रदेश में नकली नोट का किंग बनना था। 2 महीने में ही 4 लाख से ज्यादा रुपए इन्होंने मार्केट में चला भी दिए।

पुलिस ने अशोक माहौर (लेफ्ट) और अंसार अली (राइट) को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि इनके साथ और भी लोग हो सकते हैं।
दोनों भिंड के रहने वाले
पकड़ा गया आरोपी अंसार अली भिंड के पवई गांव, तो अशोक माहौर भिंड के दंदरौआ मौ का रहने वाला है। अंसार अली पर पहले से ही 4 धोखाधड़ी और एक वाहन चोरी का मामला दर्ज है। 2 लाख रुपए अशोकनगर में चला चुके हैं। श्योपुर में भी उन्होंने नोटों की एक खेप भेजी है। इसके बाद अब अभी जो तैयार माल (1.86 लाख रुपए) पुलिस ने बरामद किया है, उसे गुना में खपाया जाना था। पुलिस को आशंका है कि जितना ये बता रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा नोट खपा चुके हैं। इनको पूरा गणित पता है कि कैसे नोट बनाकर कहां खपाने हैं।
छोटे शहरों में 50, 100 और 200 के नकली चलाते थे
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उनका मकसद था कि वे ग्वालियर-चंबल अंचल से शुरुआत कर पूरे प्रदेश में नकली नोट का रैकेट फैला दें। पहले उन्होंने ग्वालियर – चंबल अंचल के छोटे शहरों से शुरुआत की। वे ज्यादातर छोटे नोट 50, 100, 200 रुपए के नोट चलाते थे। इन नोट पर आदमी ज्यादा ध्यान नहीं देता है और जेब में रख लेता है। 500 का नोट बड़े शहर में चलाते।

पकड़े गए नकली नोटों के साथ क्राइम ब्रांच की टीम और एएसपी शियाज केएम। पुलिस दोनों बदमाशों से पूछताछ कर रही है। और भी खुलासों की उम्मीद है।
कितने – किसके नोट मिले
पुलिस को अंसार अली, अशोक माहौर के कब्जे से 500-500 रुपए के 103 नोट, 200-200 रुपए के 202 नोट, 100-100 रुपए के 739 नोट, 50-50 रुपए के कुल 411 नोट मिले हैं। इस तरह 50, 100, 200, 500 रुपए के कुल 1455 नोट मिले हैं। इनकी कीमत 1.86 लाख रुपए है। 50-50 के नकली अधबने 300 नोट और 100-100 के 31 नोट अधबने मिले हैं। इनकी कीमत 18100 रुपए है।
सिर्फ दो आरोपी नहीं, पूरी गैंग है इनके पीछे
पुलिस का मानना है कि फेक इंडियन करेंसी के रैकेट में सिर्फ ये दो बदमाश ही शामिल नहीं है, बल्कि पूरी टीम है। 2 लाख रुपए अशोकनगर में खपाने ये खुद नहीं गए थे। वहां से लोग इनसे लेकर खपाते होंगे। ये लोग 50 हजार रुपए असली लेकर 1 लाख रुपए नकली देते थे। पुलिस को गैंग में चार से पांच सदस्य होने का पता लगा है। सबसे पहले पुलिस दोनों को नकली नोट बनाना सिखाने वाले इनके गुरु की तलाश कर रही है। वह शहर का चर्चित बदमाश है और गायब हो गया है।
क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम के मुताबिक, मुखबिर की सूचना पर हमने पहले रेकी की, इसके बाद रविवार देर रात रेड की। जागृति नगर किराए से कमरा लेकर ये लोग नोट छाप रहे थे। डाई, कलर, स्कैन, प्रिंटर, बटर पेपर भी पुलिस ने जब्त किया है। पूछताछ की जा रही है।
[ad_2]
Source link



