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मैहर जिले के गांवों में लगातार फैल रहे डायरिया के प्रकोप से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद संक्रमण का दायरा फैलता जा रहा है और लोग इसके शिकार बनते जा रहे हैं। अब तक डायरिया के कारण दो महिलाओं समेत 4 लोगों की मौत हो चुकी है। इन ह
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मैहर जिले के ग्राम पिपरहट, मौदहा, हरदुआसानी, जरियारी, डेल्हा में अब सतना मेडिकल कालेज के चार डॉक्टरों की टीम भेजी जाएगी। कमिश्नर रीवा संभाग बीएस जामोद के निर्देश पर सतना मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ शशिधर प्रसाद गर्ग ने चार डॉक्टरों का पैनल तय किया है। इस टीम में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ विकास शर्मा, बाल्य एवं शिशु रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ महेन्द्र पांडेय, जनरल मेडिसिन के डॉ दिवियन्त गुप्ता तथा माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ आस्था सिन्हा को शामिल किया गया है।
डॉक्टरों की यह टीम मंगलवार को मैहर के डायरिया प्रभावित गांवों का भ्रमण करेगी और इलाज उपलब्ध कराएगी। गौरतलब है कि कलेक्टर मैहर रानी बाटड ने कमिश्नर रीवा संभाग बीएस जामोद से बीमारी की रोकथाम एवं इलाज के लिए सतना या रीवा मेडिकल कॉलेज से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजने का आग्रह किया था।
कलेक्टर ने डेल्हा पहुंच कर देखे हालात
मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने सोमवार को मैहर जिले के ग्राम पंचायत डेल्हा का निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग की टीम को हर घर में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने एवं डायरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रत्येक 2 घंटे में प्रभावित लोगों की जांच करें एवं घर-घर जाकर उपयोगी दवाओं और ओआरएस का वितरण करें एवं प्रभावित लोगों की सूची बनाकर लगातार मॉनिटरिंग भी करें। कलेक्टर ने डायरिया से प्रभावित मरीजों को सिविल अस्पताल मैहर पहुंचने के लिए तत्काल साधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से मुलाकात कर डायरिया से बचाव के लिए सुझाव देते हुए कहा कि डायरिया गंदे पीने के पानी से होने वाली बीमारी है। इस बीमारी से बचाव का उपाय है कि पीने के पानी को उबाल ले और ठंडा कर पिएं। घर एवं जल स्रोत के आस-पास के वातावरण को साफ रखें। उल्टी दस्त के लक्षण होने पर लापरवाही न करें तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार कराएं।
स्वास्थ विभाग द्वारा वितरण की जा रही दवाइयों और ओआरएस के घोल का सेवन करें। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र में हैंडपंप, कुएं एवं अन्य जल स्रोत को बंद करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम मैहर विकास सिंह, तहसीलदार जितेंद्र पटेल, सरपंच अभिषेक जायसवाल, सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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