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सोमवार को जिला मुख्यालय में जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपर कलेक्टर को मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और राजस्व विभाग प्रमुख सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। राजस्व अधिकारी संघ से जुड़े तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने महाभियान 2.0 में एलआरसी प्रावधानों
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राजस्व अधिकारी संघ के सदस्यों ने बताया कि विपरीत परिस्थिति में काम कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को सरकार प्रोत्साहित करने की बजाए दंड, भय, दबाव और प्रताड़ित करने की कार्रवाई कर रही है। जिससे राजस्व अधिकारी, तनाव, मानसिक अवसाद और बीमारियों से ग्रसित होकर स्वयं को हीन महसूस कर रहे हैं।

तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों का कहना हैं कि एलआरसी के विपरीत कार्य करना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता हैं। इसका दुष्प्रभाव भविष्य में जमीनी विवादों की वृद्धि करेगा। उन्होंने एमपीएलआरसी की धारा 31 का हवाला देते हुए कहा कि यदि फिर भी सरकार प्रक्रिया विरूद्ध कार्य करना चाहती हैं, तो राजस्व अधिकारियों की मांग हैं कि एलआरसी की प्रक्रिया के स्थान पर एसओपी जारी कर दें, ताकि रियल टाईम कार्य करना आसान हो। जिसमें किसी विवाद का निराकरण सिविल न्यायालय से किया जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में न्यायालय की तरह ना मानते हुए कार्यालय की भांति कार्य करने की अपेक्षा की जा रही है। राजस्व अधिकारी संघ के बैनर तले तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी दी।
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