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मंजूरी के बाद दिव्यांग स्टेडियम को निरस्त करने पर अग्निवीर भर्ती स्थगित, नया शेड्यूल छह माह बाद मिलने की संभावना, अभी के पद दूसरी भर्तियों में शिफ्ट होने के आसार
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ग्वालियर में दस साल बाद 2 अगस्त से होने वाली सेना की अग्निवीर भर्ती रैली को स्थगित कर दिया गया है। इस भर्ती को अटल बिहारी दिव्यांग खेल परिसर किया जाना था, इसकी मंजूरी भी दे दी गई थी, लेकिन अंतिम समय मे ट्रैक खराब होने के संदेह के कारण मंजूरी निरस्त कर दी गई। इस भर्ती में शामिल होने वाले 9050 अभ्यार्थियों के लिए भर्ती रैली का रि-शेड्यूल 6-7 माह बाद जारी होने की संभावना है। ग्वालियर भर्ती बोर्ड को अभी होने वाली भर्ती के 500 से अधिक पद अन्य स्थानों पर हाल ही में आयोजित होने वाली भर्ती रैलियों में शिफ्ट किए जाने का भी संदेह है।
इस स्थिति में ग्वालियर संभाग के युवाओं का एक भर्ती शेडयूल का नुकसान भी हो सकता है और इसका दोष केंद्र के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय को है। यदि पहले ही मंजूरी नहीं दी गई होती तो सेना व प्रशासन दूसरा स्थान भी तय कर सकता था।
धर्म गुरुओं की भर्ती 29 अगस्त को भोपाल में
ग्वालियर भर्ती बोर्ड द्वारा सेना में धार्मिक कार्यों के लिए धर्म गुरुओं पंडित, मौलवी, पादरी और सिख गुरु ज्ञानी की भर्ती के लिए लगभग 200 आवेदक को दिव्यांग खेल परिसर में बुलाया था। इनके लिए 29 अगस्त को भोपाल पहुंचने के लिए ईमेल के जरिए सूचना भेजी जा रही है।
आगे के शेड्यूल परिवर्तित न कर यह कर सकती है सेना
ग्वालियर बोर्ड को आवंटित पदों के कारण आगे के शेड्यूल तय व्यवस्था अनुसार रखने के लिए सेना ग्वालियर के पदों को अभी चल रही व हाल ही में हुई भर्ती में शिफ्ट कर अभ्यार्थियों को सिलेक्ट कर सकती है। इसके लिए हाल ही में धार में पूर्ण हुई भर्ती रैली के मैरिट की प्रतीक्षा सूची के अभ्यार्थियों को कुछ संख्या में लिया जा सकता है।
इसके साथ ही कुछ पद आगरा में चल रही भर्ती रैली और 19 अगस्त से भोपाल में होने वाली भर्ती, सितंबर में जबलपुर व अक्टूबर में रायपुर होने वाली भर्ती में भी ग्वालियर के पद अलग-अलग संख्या में शिफ्ट किए जा सकते हैं। ग्वालियर भर्ती में शामिल जिलों के अभ्यार्थियों को समान संख्या में आगे दूसरे भर्ती बोर्ड की भर्ती रैली में शामिल कर इसी शेड्यूल में भर्ती में शामिल किया जा सकता है, लेकिन यह निर्णय केंद्र व रक्षा मंत्रालय लेंगे।
ट्रैक खराब का खतरा या ग्वालियर से षडयंत्र
भर्ती रैली का प्रारूप व अभ्यार्थियों की संख्या सब पहले से तय थी और इसी प्रारूप पर भर्ती के लिए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय से स्टेडियम की मंजूरी मांगी गई थी। सेना ने भर्ती रैली में बाद में ऐसा कोई प्रारूप नहीं जोड़ा था, जिससे ट्रैक खराब होने की संभावना मंजूरी के बाद बनी हो। यदि भर्ती से ट्रैक खराब होता तो उसे ठीक करने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय, सेना से बजट की मांग भी कर सकता था, तैैयारी हो जाने के बाद अंतिम समय में मंजूरी निरस्त किए जाने से किसी षडयंत्र का भी संदेह बन रहा है।
दिव्यांग स्टेडियम में तैयारी कर ली थी पूरी
रैली शहर से 8 किलोमीटर दूर अटल बिहारी बाजपेयी दिव्यांग जन स्पोर्ट ट्रेनिंग सेंटर में होना थी, जिसे तैयारियों के चलते ही केंद्र के सामाजिक न्याय विभाग ने निरस्त कर दिया। रैली का स्थान निरस्त के बाद एसएएफ व सैनिक स्कूल के दो स्थान चिह्नित किए गए, लेकिन वह उपयुक्त नहीं पाए गए। भर्ती रैली के लिए सेना, जिला प्रशासन व पुलिस स्टेडियम के लिए व्यवस्थाएं करने में जुटा था। तैयारी पूरी कर ली गई थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रैली को दस दिन 12 अगस्त तक किया जाना था। रैली स्थल स्टेडियम बस स्टैंड व स्टेशन से लगभग 8 किमी दूर है और सवारी वाहन उपलब्ध न होने के कारण रैली स्थल तक प्रशासन ने बसे संचालित करने की व्यवस्था कर ली थी।
अभ्यार्थियों को तय की गई तारीख से पहले रात 12 बजे तक स्टेडियम पर पहुंचना है। स्टेडियम से अनफिट होने वाले अभ्यार्थियों को वापस स्टेशन या बस स्टैंड तक छोड़ने के लिए भी पांच बसें तैनात की गई थीं। हर दिन एक-एक एसडीएम, सीएसपी को बल व अमले के साथ स्टेडियम व आसपास ड्यूटी पर तैनात किया गया था। बारिश के कारण रैली स्थल पर वाटर प्रूफ टैंट व अभ्यार्थियों व भर्ती स्टाफ के लिए पानी, बिजली, चिकित्सा सुविधा व एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी।
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