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महिला और मातृ स्वास्थ्य पर सरकार प्रदेश में अरबों खर्च कर रही है लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ही स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अस्पताल में टारगेट स्कैन तक नहीं हो रहा है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को एमटीएच भेजा जा रहा है, जहां वेटिंग होने के
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शहर में पीसी सेठी हॉस्पिटल, बाणगंगा अस्पताल, जिला अस्पताल, मल्हारगंज पॉली क्लिनिक, आंबेडकर नगर, हातोद, देपालपुर, मानपुर, महू, सांवेर के अस्पतालों में प्रसूति व सीजर की सुविधा उपलब्ध है। जिले में 38 संस्थाएं हैं, जहां प्रसूति सेवा उपलब्ध है। डॉक्टर्स लंबे समय से टारगेट स्कैन, कलर डॉप्लर सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब कलेक्टर आशीष सिंह तक भी यह समस्या पहुंच गई है। डॉक्टरों का कहना है कि हमारे पास रेडियोलॉजिस्ट भी है। उनको प्रशिक्षण देकर काम करवाया जा सकता है।
हर गर्भवती का चौथे-पांचवें महीने में टारगेट स्कैन और एंटी स्कैन किया जाता है। सिर्फ मशीन नहीं होने के कारण उन्हें एमटीएच भेजते हैं, जहां से लौटना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि वहां पहले ही वर्क लोड है। 12-13 हफ्ते में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट होते हैं। कई बार जन्म के बाद पता चलता है कि बच्चा सामान्य नहीं है। किसी का ब्रेन, किसी को स्पाइन में विकृति होती है तो उसका पता लगाने के लिए एंटी स्कैन 13 हफ्ते में जरूरी होता है।
मेडिकल लीगल मामलों में यह प्रोटोकॉल के तहत करवाना चाहिए। टारगेट 18 से 20 हफ्ते में होता है। इसके लिए 4-डी मशीन की जरूरत होती है। राज्य में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अर्चना मिश्रा से भी इसकी मांग कर चुके हैं।

लापरवाही पर होगी कार्रवाई : कलेक्टर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लेकर कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य गतिविधियों के क्रियान्वयन में लापरवाही पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने स्वास्थ्य संस्थाओं के कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, दस्तक अभियान, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम आदि की प्रगति की समीक्षा की। जिले में स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। यह कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश
दिए। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। वे बोले कि एएनसी सही नहीं हो रही है। टारगेट से कम रजिस्ट्रेशन है। नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करें। उनका समय पर टीकाकरण और सभी जांच हो। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.एस. सैत्या सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
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