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नई शिक्षा नीति के तहत यूजी कोर्स में पहली बार शुरू हो रही चौथे वर्ष की पढ़ाई के लिए बीकॉम का जो सिलेबस जारी हुआ है, वह सवालों के घेरे में आ गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने बीकॉम चौथे वर्ष में ऑनर्स व ऑनर्स विद रिसर्च के लिए एमकॉम प्रीवियस का ही सिलेबस ल
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बीकॉम ऑनर्स में एमकॉम के चारों विषय ऑर्गनाइजेशन बिहेवियर (संगठनात्मक व्यवहार), एडवांस स्टेटिस्टिकल एनालिसिस (उच्चतर सांख्यिकी विश्लेषण), फाउंडेशनल मैनेजमेंट (कार्यात्मक प्रबंध) और कॉस्ट एनालिसिस एंड कंट्रोल को शामिल किया गया है। यही नहीं, ऑनर्स विद रिसर्च में भी यही चारों विषय शामिल किए गए हैं, सिर्फ एक विषय रिसर्च मैथर्डलॉजी अलग से शामिल किया है। अब एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं कि जब एमकॉम का सिलेबस लागू करना था तो नई शिक्षा नीति का मतलब ही क्या रह गया।
जानकार बोले– ऑनर्स विद रिसर्च में भी सिर्फ एक पेपर रिसर्च का
इधर, जानकारों का कहना है कि बीकॉम चौथे वर्ष में तो एडवांस्ड सिलेबस दिया जाना था। शिक्षाविद प्राचार्य डॉ. मंगल मिश्र बोले, नई पॉलिसी में फाइनल ईयर में जो सब्जेक्ट पढ़ाए गए, उनका ही एडवांस सिलेबस बीकॉम चौथे वर्ष में लागू करना था। मिश्र के अनुसार ऑनर्स विद रिसर्च में रिसर्च से जुड़ा सिर्फ एक ही विषय दिया गया है, जबकि कम से कम दो होना चाहिए। प्राचार्य डॉ. अनस इकबाल कहते हैं, सिलेबस एक जैसा होने से छात्र तय नहीं कर पा रहे कि बीकॉम ऑनर्स का विकल्प चुने या एमकॉम में ही एडमिशन लें।
2021 में लागू हुई शिक्षा नीति
2024 में नई शिक्षा नीति के तहत पहली बार परंपरागत यूजी काेर्स के छात्राें काे चाैथे वर्ष में प्रवेश मिलना शुरू हुआ है। पहली बार में ही सिलेबस को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। जिन छात्रों को यूजी फाइनल ईयर में 7.5 सीजीपीए मिले हैं, उन्हें ही ऑनर्स विद रिसर्च में प्रवेश मिलेगा, जबकि ऑनर्स के लिए 7.5 सीजीपीए की अनिवार्यता नहीं है।
162 में से 5 कॉलेजों ने ली ऑनर्स की संबद्धता, रिसर्च की दो ने
कॉलेजों में चौथे वर्ष की पढ़ाई में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पहली बार यूजी के 11 कोर्स में शुरू हो रही चौथे वर्ष में ऑनर्स की पढ़ाई के लिए सिर्फ 5 कॉलेजों ने डीएवीवी से संबद्धता ली है। जबकि परंपरागत कोर्स के कुल 162 कॉलेज हैं। यही नहीं, ऑनर्स विद रिसर्च के लिए सिर्फ 2 कॉलेजों ने संबद्धता ली है। इसके पीछे कारण यह सामने आया कि देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी कॉलेजों से चौथे वर्ष की ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च की संबद्धता के लिए 1 लाख रुपए प्रति कोर्स शुल्क मांग रही है। शुल्क तय होते ही कॉलेजों ने विरोध शुरू किया।
कहा कि जब एडमिशन के ही पते नहीं हैं तो संबद्धता शुल्क की जल्दी क्या है? चौथे वर्ष में पहली बार प्रवेश हो रहे हैं, इसलिए एक साल बाद इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए। वैसे भी यह संबद्धता पुरानी है जिसे आगे बढ़ाया जा रहा है। बहरहाल, बीए, बीकॉम, बीएससी और बीसीए, बीबीए जैसे कोर्स के जिन छात्रों ने अभी फाइनल ईयर के एग्जाम पास किए हैं, उनके पास चौथे वर्ष में प्रवेश के लिए सिर्फ पांच कॉलेजों के ही विकल्प रहेंगे।
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