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कटनी में मंगलवार शाम से शुरू हुई रिमझिम बारिश का दौर दूसरे दिन बुधवार को भी जारी है। सुबह करीब साढे़ आठ बजे से तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। खासतौर ढीमरखेड़ा और पान उमरिया क्षेत्र की नदियों का जलस्
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पान उमरिया क्षेत्र में बेलकुंड नदी का जलस्तर बढ़ने से गर्राघाट पुल के ऊपर से पानी बह रहा है, जिसके कारण उमरियापान से ढीमरखेड़ा सिलौंड़ी, खमतरा सहित आधा दर्जन से अधिक गांव का संपर्क टूट गया। इसके अलावा कटकहरी नदी पुल के ऊपर से पानी बह रहा है।
जिसकी वजह से पानउमरिया और सिहोरा का संपर्क टूट गया है। ढीमरखेड़ा में थाने के पास सड़क पर काफी पानी भर गया है। सड़क तालाब के जैसे नजर आ रही है। बेलकुंड नदी के तटीय क्षेत्रों में बसे गांव ढीमरखेड़ा, सगौना, कोठी, सिलौंड़ी, तिलमन, घुघरा, घुघरी गांव में भी जलभराव की स्थिति बन गई है।
क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक में घुस रहा है। बेलकुंड नदी का जलस्तर बढ़ने से स्लीमनाबाद-पान उमरिया, ढीमरखेड़ा-विलायत कला गांव मार्ग में भी आवागमन बंद है। अभी वर्तमान में करीब 8 फीट पानी पुल के ऊपर है।
लगातार हो रही बारिश से बढ़ रहे नदी के जलस्तर के मद्दे नजर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जिला प्रशासन ने ढीमरखेड़ा और उमरियापान क्षेत्र के तटीय इलाकों में जिला प्रशासन ने करीब 15 गांव में राहत शिविर लगा दिए हैं। ग्रामीणों के भोजन-पानी के इंतजाम भी किए गए हैं।
कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश के बाद ढीमरखेड़ा एसडीएम विंकी सिंहमारे उइके ने इस क्षेत्र के निचले इलाकों के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखने और उनके भोजन का प्रबंध किया है। एसडीएम ढीमरखेड़ा ने बताया कि बम्होरी, घाना, सुनारखेड़ा, सिलोड़ी, इटोली गांव में बारिश से जल स्तर बढ़ गया है।
कलेक्टर के निर्देश पर इन गांवों में राहत शिविरों के आयोजन की व्यवस्था की गई है। बारिश से प्रभावित ग्राम घाना में राहत कैंप , भोजन व्यवस्था पंचायत भवन में, सुनारखेड़ा में सामुदायिक भवन में राहत कैंप बनाया गया है। जिला प्रशासन अन्य आवश्यक व्यवस्था भी कर रहा है। वहीं ग्राम पंचायत सिलोड़ी में कस्तूरबा गांधी भवन में लोगों के सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था की गई है।


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