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घर में पति-पत्नी के बीच कोई विवाद होता तो पत्नी सरपंच के पास पहुंच जाती। घर के झगड़ों का तमाशा बना देती। दो साल पहले मुझ पर झूठा प्रकरण दर्ज करा दिया, यह बात परिवार परामर्श केन्द्र में पति ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान कही। दरअसल पति-पत्नी के बीच दो स
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प्रकरण की सुनवाई के दौरान सामने आया कि दोनों के रिश्ते में दो साल पहले पत्नी द्वारा पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने बाद से दरार आ गई थी। विवाद को खत्म करके दोनों साथ तो आ गए थे, लेकिन मन से साथ नहीं हो पाए थे। पति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से लापरवाह हो गया। पति ने बताया कि पत्नी बहुत छोटी बातों पर विवाद करती है और घर के विवाद में कभी सरपंच को कभी थाने पहुंच जाती है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद पति को समझाइश दी गई कि वह पत्नी और बच्चों की पूरी जिम्मेदारी उठाए, पत्नी के साथ पति के अनुसार व्यवहार करें। इसके साथ ही पत्नी को भी हिदायत दी गई। वह घर के झगड़ों को बाहर लाकर तमाश न बनाए और बार-बार मायके नहीं भागे। समझाइश के बाद दोनों अपनी गलती सुधारने और साथ रहने को राजी हो गए। दोनों का आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया।
मंगलवा को बैठक में 5 प्रकरण रखे गए थे, जिसमें से दो प्रकरण निराकृत किए गए तथा तीन में पक्षकारों को आगामी तारीख दी गई है। बैठक में एसडीओपी प्रतिभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, काउंसलर अशोक गुप्ता एडवोकेट, चेतन राय, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है। जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
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