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बरसात के डेढ़ माह बाद नर्मदा नदी के बैकवॉटर में बढ़ोतरी होने लगी है। शनिवार शाम को शहर के समीप राजघाट में बैकवॉटर का लेवल 121 मीटर से अधिक रहा। जबकि बीते माह तक यहां बैकवॉटर लेवल 118 मीटर पर स्थिर था। बैकवॉटर बढ़ने का कारण ऊपरी बांधों से टरबाइन चलाकर
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बता दें कि जिले व नर्मदा के ऊपरी कछार में बारिश पर्याप्त नहीं हुई है। फिर भी नर्मदा के ऊपरी बांधों में टरबाइन चलाए जा रहे है। इससे क्षेत्र के नर्मदा तटीय इलाकों में बैकवॉटर बढ़ने लगा है। शहर के समीप राजघाट में सप्ताहभर में डेढ़ से दो मीटर बैकवॉटर में बढ़ोतरी हुई है। एनवीडीए के बुलेटिन के अनुसार शनिवार को राजघाट में बैकवॉटर का लेवल 121.40 मीटर और धार जिले के खलघाट में 130.50 मीटर रहा। राजघाट में खतरे का निशान 123.280 मीटर है। उससे अभी बैकवॉटर करीब दो मीटर नीचे है। एनवीडीए के अनुसार बैकवॉटर बढ़ने का कारण ऊपरी बांधों से पानी छोड़ा जाना है। इंदिरा सागर परियोजना में 6 टरबाइन चलाकर 1150 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है, तो ओंकारेश्वर परियोजना में 5 टरबाइन चलने से 1422 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है।
अभी इतना है बांधों का वॉटर लेवल
सरदार सरोवर बांध : 121.40 मीटर
इंदिरा सागर परियोजना : 247.75 मीटर
ओंकारेश्वर सरोवर परियोजना : 194.80 मीटर
राजघाट (बड़वानी) : 121.40 मीटर
खलघाट (धार) : 130.50 मीटर






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