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त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार रोड भोपाल में अषाढ़ी पूर्णिमा (गुरू पूर्णिमा ) 21 जुलाई (रविवार) से वर्षावास प्रारंभ हो रहा है। पूज्य भन्ते संघरत्न उत्तम (खारघर, मुंबई) तीन माह का वर्षावास त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार में करेंगे। इस दिन
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बौद्ध समाज शिक्षा जनकल्याण समिति के सचिव पी बी वासनिक ने बताया कि कल से विहार में प्रतिदिन विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।
निम्नानुसार कार्यक्रम रहेंगे
- प्रात- 09.00 बजे पंचशील ध्वज (धम्म ध्वज )का ध्वजारोहण।
- प्रात-09.15 से 09.45 बजे ध्यान साधना
- प्रात-09.45 से 11.00 बजे वंदना एवं अष्टशील उपोसथ ग्रहण करना एवं देशना।
- प्रात-11.00 से 12.00 बजे भिक्षुसंघ का भोजन तथा उपस्थित उपासकों का भोजन रहेगा (भोजन की व्यवस्था विहार में रहेगी)
- दोपहर-12.00 बजे अधिष्ठान ग्रहण भंते जी द्वारा ।
- दोपहर 01.00 बजे परित्राण पाठ
- दोपहर 02.00 बजे बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ वाचन एवं देशना
प्रतिदिन सुबह और शाम को
- सुबह 5:00 बजे ध्यान साधना (मेडिटेशन)
- शाम 05:00 बजे से 6:50 तक ध्यान साधना (मेडिटेशन) (प्रति रविवार सुबह तथा वर्षावास के दौरान पढ़ने वाली पूर्णिमा को छोड़कर)
- शाम 7:00 बजे वंदना/देशना बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ वाचन
अषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या प्रथम घम्म चक्र प्रवर्तन दिवस भी कहा जाता है। भगवान बुद्ध ने आज ही के दिन पाँच परिव्राजकों ( संन्यासी ) को धम्म की दीक्षा दी थी। 5 शिष्यों ने उन्हें गुरु स्वीकार किया। इसीलिये इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। बुद्धत्व प्राप्त करने के दो माह बाद 527ई . पू . आज ही दिन ऋषिपतनमृगदाय ( वर्तमान सारनाथ ) में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश देकर धम्मचक्र प्रवर्तन किया एवं भिक्षु संघ बनाया।
सचिव बौद्ध समाज शिक्षा जनकल्याण समिति त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार रोड भोपाल
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