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शहर के मुक्ति धाम में गुरुवार शाम को अर्धनग्न होकर गधों के गले में हल जोतकर बोवनी कराने का किया टोटका किया। मान्यता है कि इस टोटके के बाद क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है। श्मशान में गधों से हल चलवाकर बोवनी का टोटका करने वाले भारत सिंह गौड़ ने बताया कि
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वहीं शैलेन्द्र सिंह गोस्वामी ने बताया कि 50 सालों से हम यह टोटका करते आए हैं। जब इंद्र देव को मनाने के लिए पूजा पाठ और उजमनी जैसे आयोजन के बाद भी जब बारिश नहीं होती तो एक व्यक्ति की नग्न या अर्धनग्न कर गधों से हल जोतकर बुवाई कराते हैं। जिन गधों के साथ यह टोटका किया जाता है उन्हें बारिश होने पर गुलाब जामुन खिलाए जाते हैं। गत वर्ष भी अल्प बारिश होने गधों से बुवाई करने का टोटका किया था। इसके बाद क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई तक गधों को पांच किलो गुलाब जामुन खिलाए गए थे।
बारिश के लिए यह हुए आयोजन
आधा जुलाई बीत जाने के बाद भी जिले में अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसके लिए नरसिंगपुरा में कुंवारी कन्याओं ने देढ़क माता की पूजा अर्चना की इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खेडा देव पूजन और उजमनी का आयोजन किया गया। वहीं शहर के तलाई वाले बालाजी मंदिर में दो दिवसीय हवन का आयोजन भी किया गया। लेकिन बारिश नहीं हुई अब मरघट में गधों से हल चलवा कर बोवनी की गई है।


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