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मोहर्रम की 11 तारीख गुरुवार को शहर में ताजियों का चल समारोह निकाला गया। सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहां। 300 से ज्यादा सीसीटीवी के अलावा ड्रोन कैमरों से निगरानी होती रही। जगह-जगह पिकेट्स लगाए गए।
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मोहर्रम पर्व 10 दिन तक मनाया जाता है जबकि 11वें दिन ताजिए विसर्जित किए जाते हैं। दस दिनों में कर्बला में हुए युद्ध और हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाता है। एक दिन पहले ताजिये शहर में आकर जमा हो गए थे। जबकि दूसरे दिन गुरुवार को चल समारोह निकला। इस दौरान मेला भी लगा, जिसमें काफी संख्या में लोग पहुंचे। करीब 300 से अधिक छोटे, बड़े ताजिये बनाए गए थे।
अखाड़ा प्रदर्शन भी किया गया
मोहर्रम पर अखाड़ा प्रदर्शन भी किया जाता है। इसके तहत जगह-जगह अखाड़े हुए। चल समारोह के दौरान भी अखाड़ा प्रदर्शन किया गया। ताजियों का विसर्जन ताप्ती नदी में हुआ। शहर में विभिन्न स्थानों से ताजिए गांधी चौक, इकबाल चौक में जमा हुए। जिन्हें ताप्ती नदी में विसर्जित किया गया। अखाड़े व मीना बाजार लगने से लोगों की भीड़ रही। वहीं दोपहर में मंडी चौक से गांधी चौक, फूल चौक, अंडा बाज़ार से लेकर पीपल घाट तक सभी तरह के वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहा। यहां से ताजियों का चल समारोह निकला। जो ताप्ती नदी पहुंचा।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ ताजिया विसर्जन
नगर के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोहर्रम पर्व पर ताजिये बनाए गए। कुछ जगह एक दिन पहले ही 10वीं मोहर्रम को ताजिया विसर्जन किया गया तो कुछ जगह गुरुवार को मोहर्रम की 11 तारीख को विसर्जन हुआ। नेपानगर, सारोला, अंबाड़ा, शाहपुर, खकनार सहित अन्य क्षेत्रों में मोहर्रम पर अखाड़ा प्रदर्शन किया गया ताजिए निकाले गए।
सारोला में भी ताजिए बनाए गए। इस दौरान निकले चल समारोह में ग्राम सुरक्षा समिति अध्यक्ष किरण मोरे, हेड कॉन्स्टेबल लाल सिंह, आरक्षक सुनील पटेल, असलम गवलकर, उप सरपंच योगेश महाजन, रफीक तड़वी, दिलीप तड़वी, रहीम तड़वी, सलीम तड़वी, इस्माइल तड़वी, साइबो तड़वी आदि मौजूद थे।

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