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छत्रीबाग रामद्वारा पर पिछले 100 वर्षो की चातुर्मास परंपरा के अनुरूप इस वर्ष भी रामस्नेही संप्रदाय के युवा संत, रतलाम जिले के ताल कस्बे से आए संत हरशुकराम के श्रीमुख से चातुर्मास का शुभारंभ बुधवार, 17 जुलाई को सुबह 8.30 बजे से होगा। संत हरशुकराम ने वर
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छत्रीबाग रामद्वारा के ट्रस्ट के लक्ष्मीकुमार मुछाल, रामनिवास मोढ़ एवं रामसहाय विजयवर्गीय ने बताया कि 17 जुलाई से शुरू होने वाला चातुर्मास सत्संग तीन माह अर्थात 14 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न संतों की जयंती, निर्वाण उत्सव एवं अन्य तीज त्योहार भी विशेष रूप से मनाए जाएंगे। 27 वर्षीय युवा संत हरशुकराम ने जगद्गुरु आचार्य स्वामी रामदयाल महाराज का कई वर्षों तक सान्निध्य प्राप्त किया है। वे संप्रदाय के मुख्य तीर्थ स्थल शाहपुरा धाम में भी अनेक संतों के सान्निध्य में वेद एवं शास्त्रों के साथ ही रामस्नेही संप्रदाय के आद्याचार्य स्वामी रामचरण महाराज एवं संप्रदाय के अनेक महापुरुषों की वाणीजी का अध्ययन भी करते आ रहे हैं। अभी भी रामायण, महाभारत, भागवत, गीता एवं अन्य सभी ग्रंथों का नियमित अध्ययन कर रहे हैं। 17 जुलाई को वे सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। प्रवचनों के बाद रामधुन एवं भजनों का आयोजन भी होगा। रोजाना सूर्यास्त के समय संध्या आरती होगी। प्रवचन के पूर्व सुबह 8 बजे से 8.30 बजे तक स्वामी रामचरण महाराज की अनुभव वाणी का सामूहिक पारायण होगा। संत हरशुकराम देश के छह रामद्वारों का संचालन तो कर ही रहे हैं, आलोट में सैकड़ों गायों की सेवा सहित गोशाला का संचालन भी कर रहे हैं। वे यहां भक्तमाल एवं महाभारत के विभिन्न पावन प्रसंगों पर अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।
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