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आषाढ़ी एकादशी पर 17 जुलाई, बुधवार को शाम 6 बजे से शहर के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित सिलिकॉन सिटी में विठ्ठल भगवान की पालकी और विशाल दिंडी यात्रा निकाली जाएगी। बड़ी संख्या में विठ्ठल भक्त, शहर के प्रमुख संत गण और गणमान्य नागरिक यात्रा में शामिल होंगे
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यात्रा संयोजक प्रशांत बडवे और डॉ.भूषण फूशे ने बताया कि महाराष्ट्र में एकादशी पर वारकरी संप्रदाय के लोग और विठ्ठल भक्त सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने आराध्य देव विठ्ठल भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं। यह परंपरा सैकड़ों वर्ष पुरानी है, जिसे दिंडी यात्रा के रूप में अब विश्वव्यापी पहचान मिल चुकी है। इंदौर शहर में भी विगत अनेक वर्षों से यह आयोजन एकादशी पर हो रहा है। सिलिकॉन सिटी में जनसहयोग से भगवान विठ्ठल रुक्मिणी के मंदिर निर्माण की शुरुआत हो चुकी है और शीघ्र ही यहां मूर्ति स्थापना भी होगी। अतः शहर के दक्षिण पश्चिम भाग की मराठी भाषी संस्थाओं द्वारा यहां से दिंडी यात्रा के आयोजन की शुरुआत की जा रही है।
महाराष्ट्र का पथक दल विशेष आकर्षण का केंद्र
17 जुलाई की शाम 6 बजे सिलिकॉन सिटी के श्री छत्रपति शिवाजी महाराज चौक से यात्रा की शुरुआत होगी, जिसमें विठ्ठल भक्त पारंपरिक मराठी वेशभूषा में शामिल होंगे। तरुण मंच के सदस्य ढोल, ताशे, झांझ और लेझिम पर पाउल भजन, फुगड़ी नृत्य करते हुए चलेंगे। महिलाएं नौवारी साड़ी पहन कर शामिल होंगी। महाराष्ट्र का पथक दल विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। विठ्ठल भगवान की पादुका सुसज्जित पालकी में विराजमान रहेंगी। सद्गुरु अण्णा महाराज, बाबा साहेब तराणेकर, अमृतफले महाराज, सुनील शास्त्री गुरुजी, प्रवीण नाथ पानसे महाराज सहित अनेक गणमान्य नागरिक इस आयोजन में शामिल होंगे। सिलिकॉन सिटी के विभिन्न भागों में भ्रमण के बाद दिंडी यात्रा का समापन निर्माणाधीन विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर परिसर में होगा। यहां महाआरती होगी उसके बाद प्रसाद वितरण होगा।
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