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जिला अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक युवती डीएमएलटी स्टूडेंट बनकर कई दिनों तक काम करती रही।
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इस दौरान युवती ने ब्लड बैंक के अंदर ट्रेनिंग लेने के एवज न सिर्फ ब्लड के सैंपल मिलाए बल्कि लोगों को ब्लड का वितरण भी किया। जबकि संबंधित युवती ट्रेनिंग के लिए कहां से और कैसे आई इसकी जानकारी ब्लड बैंक के संबंधित अधिकारी को नहीं है। यदि युवती से कोई बड़ी गलती हो जाती तो गंभीर मामला हो सकता था।
वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन को इसकी भनक लगी तो उन्होंने ब्लड बैंक प्रभारी को फटकार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए कहा। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों से एक युवती ब्लड बैंक में पहुंचकर काम करने लगी। उसने स्टाफ को बताया कि उसे ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. कल्पित अग्रवाल ने काम करने के लिए भेजा है। लड़की मेडिकल कॉलेज की डीएमएलटी स्टूडेंट वाली एप्रिन पहनकर काम करती रही, ताकि उस पर कोई शक न कर सके। लेकिन उसकी एप्रिन पर न तो उसके नाम का बैच था और न ही कॉलेज का नाम लिखा था। स्टाफ भी ब्लड बैंक प्रभारी की वजह से चुप बना रहा।
जब मामले का खुलासा हुआ तो बुधवार से संबंधित युवती ब्लड बैंक पहुंची ही नहीं। ऐसे में मामला और भी ज्यादा संदिग्ध हो गया कि आखिर वह युवती किसके आदेश पर काम कर रही थी। अब जिला अस्पताल प्रबंधन मामले में लीपा पोती करते हुए मामले की जांच कराने की बात कह रहा है।
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