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मंडला जिले के बीजाडांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत जंगल में पुलिस ने एक नर कंकाल खोदकर निकाला है। यह कंकाल मानिकसरा निवासी हरिसिंह कुलस्ते उर्फ लख्खू का बताया गया है। हरिसिंह कुलस्ते करीब साढ़े तीन साल से लापता थे।
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पुलिस और परिजन उनकी तलाश कर रहे थे। शिकारियों के फैलाए तार से करंट लगने से उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद शिकारियों ने पुलिस और कानून के डर से जंगल में दफना दिया। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
निवास एसडीओपी पीएस वालरे ने बताया कि 26 जनवरी 2021 की शाम हरिसिंह कुलस्ते अपने घर से खेत जाने के लिए निकले थे। इसके बाद जब वह वापस घर नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी तलाश की और बीजाडांडी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस और परिजन हरिसिंह की तलाश करते रहे लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका।

साढ़े तीन साल बाद चला मामले का पता
लंबी समय तक तलाश के बाद परिजनों को लगने लगा कि हरिसिंह जंगल में किसी जानवर का शिकार बन गया होगा। गुमशुदगी के साढ़े तीन साल बाद 9 जुलाई को ग्राम पहटसरा निवासी लटकन सिंह उइके ने गुमशुदा हरिसिंह के बेटे सुभाष कुलस्ते को बताया कि घटना की रात जंगली जानवर के शिकार के लिए शिकारियों ने जंगल में करंट का तार बिछाया था।
जिसमें फंसकर हरि सिंह की मौत हो गई। जिसके बाद शिकारियों ने शव को घटना स्थल से करीब 4 किमी दूर कोसुमकोल भूरका के जंगल में दफना दिया था। इस जानकारी के मिलते ही सुभाष कुलस्ते तुरंत ही लटकन सिंह को लेकर बीजाडांडी थाने पहुंचे।
पुलिस ने एसडीएम से विधिवत अनुमति लेकर लटकन की निशानदेही पर जंगल में खुदाई की। जिसमें पुलिस ने नर कंकाल बरामद किया। गुमशुदा के बेटे सुभाष ने कंकाल के साथ मिले कपड़ों, जूतों की पहचान कर अपने पिता हरिसिंह का होना बताया।

चारों आरोपी गिरफ्तार
दरअसल इस मामले में शिकारियों के साथ लटकन सिंह भी शामिल था। उसने सभी के साथ इस राज को लंबे समय तक सबसे छिपाए रखा। लेकिन अन्य आरोपियों से हुए किसी मनमुटाव के बाद लटकन सिंह ने यह राज उजागर कर दिया। जिससे इस मामले का खुलासा हो गया।
पूछताछ में लटकन सिंह से मिली जानकारी के आधार पर उसके सहित ठाकुर सिंह, छतर सिंह, चैतू उइके, मानसिंह कुशराम और रवि मरावी पर आईपीसी की धारा 304, 201, 34 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी बीजाडांडी उपनिरीक्षक राम किशोर माथरे, पंकज विश्वकर्मा, सहायक उप निरीक्षक छवि सूर्यवंशी, प्रधान आरक्षक शिवचरण वाकडे़, रवीन्द्र मरावी, प्रशांत अवस्थी, चालक आरक्षक विजय छिरा, आरक्षक नीरज बाकले, आलोक मरावी, जय सिंह, संदीप मेवाडा की विशेष भूमिका रही।
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