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1 जुलाई से लागू किए गए नए कानूनों की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को मुख्यालय के जिला पंचायत सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला अभियोजन अधिकारी कपिल डहेरिया ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को नए कानून के बारे में जानकारी दी।
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तीन कानूनों के व्यावहारिक उपयोग को लेकर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और एसपी समीर सौरभ की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एडीएसपी, एसडीओपी मौजूद रहे।
कार्यशाला में जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया ने तीनों कानूनों को तुलनात्मक और व्यावहारिक दृष्टि से उदाहरणों के साथ अधिकारियों को समझाया। उन्होंने कहा कि पहले आईपीसी 1860 लागू था। जिसे अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, सीआरपीसी-1973 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ( बीएनएसएस) और एविडेंस एक्ट 1872 को भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम से जाना जाएगा।
इन तीनों कानूनों में कुछ नए अपराध और दंड भी जोड़े गए हैं। साथ ही भारतीय कानून व्यवस्था में नए कानूनों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक दृष्टि से कानून जोड़े गए हैं।
नए बीएनएस की धारा-103 में मॉब लिंचिंग को परिभाषित करते हुए जोड़ा गया है। अब 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों का समूह मिलकर ऐसी किसी को घटना मूलवंश, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्ति या किसी अन्य समरूप आधार पर है तो वह मॉब लिंचिंग होगी।
एडीपीओ श्री डेहरिया ने बताया कि नए कानून में सामुदायिक दंड को भी शामिल किया गया है। इसमें 6 अलग अलग धाराएं शामिल हैं। मामला सिद्ध होने पर न्यायाधीश सेवा दंड में गार्डन साफ करना, ट्रैफिक क्लियर कराना अन्य काई दंड न्यायाधीश तय करेंगे।




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