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सागर में जमीन की बही के अलग-अलग खाते बनवाने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर आलोक मिश्रा की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए रिश्वत लेने
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अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि 15 फरवरी 2018 को आवेदक दुर्गा प्रसाद कुर्मी निवासी ग्राम भरदी तहसील केसली ने आरोपी बाबू कमलेश्वर दत्त मिश्रा के खिलाफ पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय सागर में शिकायत की थी। शिकायती आवेदन में बताया कि उसके दो भाई थे, जिनमें मंझले भाई जमना की मृत्यु हो चुकी है। उनका आपसी बंटवारा हो गया था। लेकिन जमीन का बही खाता एक ही बना था, जिसके तीन अलग-अलग खाते बनवाने के लिए तहसील केसली में पदस्थ आरोपी मिश्रा बाबू उर्फ कमलेश्वर दत्त मिश्रा से मिला। उन्होंने उक्त कार्य कराने के एवज में 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायत मिलते ही लोकायुक्त टीम ने मामला जांच में लिया। जांच करते हुए मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाए। शिकायत की पुष्टि होते ही कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई। लोकायुक्त की टीम कार्रवाई के लिए केसली पहुंची।
पेंट की जेब में रख ली थी रिश्वत की राशि
लोकायुक्त टीम ने शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि लेकर मिश्रा बाबू के पास भेजा। उसने आरोपी को रिश्वत की राशि 6 हजार रुपए दिए। इशारा मिलते ही लोकायुक्त टीम ने मौके पर दबिश दी और बाबू को रिश्वत की राशि के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया। बाबू के पेंट की जेब से रिश्वत की राशि जब्त की गई। मामले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने प्रकरण से जुडे़ साक्ष्य व दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। साक्षियों की गवाही कराई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी कमलेश्वर दत्त मिश्रा को 4 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
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