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The number of sick children reached 44 | बीमार बच्चों की संख्या 44 पहुंची: आश्रम में अनुमति 100 की, रह रहे 200 से ज्यादा बच्चे, पर्याप्त वेंटिलेशन व धूप नहीं मिलती, जबकि नि:शक्तों को यह जरूरी – Indore News

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पंचकुइया स्थित युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र निशक्तजन और दिव्यांग आश्रम में बीमार होने वाले बच्चों की संख्या 44 पहुंच गई है। मंगलवार को करीब 34 बच्चों को भर्ती किया गया था। बुधवार सुबह करीब 10 बच्चों को चाचा नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।

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युगपुरुष धाम केंद्र की जांच कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों को आश्रम के अंदर कुछ गड़बड़िया मिली हैं। तीन मंजिला आश्रम में अलग-अलग फ्लोर पर लड़के और लड़कियों का रखा गया है। खेलने की व्यवस्था तीसरी मंजिल पर है, लेकिन बिल्डिंग में कहीं भी रैम्प नहीं हैं। दिव्यांग बच्चे तीसरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते हैं। आश्रम न कोई गार्डन है ना ही वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था है। बच्चों को धूप भी नहीं मिलती है, जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक नि:शक्त और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की सेहत के लिए ये चीजें बहुत जरूरी हैं। पूरा आश्रम चारों तरफ से जालियों से घिरा है।

हालांकि ये जालियां बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाई गई हैं। जांच के लिए गए प्रशासनिक अधिकारियों को किचन और बच्चों के कमरों में गंदगी भी मिली। इसके अलावा सीलन भरी दीवारें, बच्चों के सोने वाले पलंग और गद्दे भी साफ-सुथरे नहीं हैं।

27 को मना था सभी बच्चों का जन्मदिन
27 जून से आश्रम की शुरुआत हुई और इसी दिन संचालिका अनिता शर्मा का भी जन्मदिन रहता है। इसी दिन सभी बच्चों का जन्मदिन मनाया गया था। इस दौरान आश्रम में मौजूद 207 बच्चों के लिए अलग-अलग केक मंगाए गए थे। इस जन्मोत्सव में वे पांच बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने दम तोड़ दिया।

आश्रम में रह रहे बच्चों की संख्या करीब 207 है। यहां पर आधिकारिक रूप से 100 बच्चों को रखने की परमिशन है, लेकिन 4 हॉल और 7 कमरों में 200 से ज्यादा बच्चे पर रह रहे हैं। टीचर, नौकर, वार्ड बॉय आदि मिलाकर करीब 50 लोगों का स्टाफ है। डॉक्टर नियुक्त नहीं हैं। संस्था में जगह कम है, एक-एक पलंग पर दो-दो बच्चों को सुलाया जाता है। बच्चों के लिए खाना आश्रम में ही तैयार किया जाता है। भोजन के लिए राशन और सब्जियां तय जगह से आश्रम में पहुंचाई जाती है।

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