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डॉ. मोहन सरकार का पहला फुल बजट बुधवार को विधानसभा में पेश होने जा रहा है। इसमें नर्मदा और विंध्य एक्सप्रेस-वे, अटल प्रोग्रेस-वे के साथ इंफ्रा पर 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने की तैयारी है। इसमें बड़े पुल भी शामिल रहेंगे। इसके साथ ही कैपिटल एक्
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मोहन सरकार की कोशिश है कि उनका पहला बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार जातियों गरीब, महिला, युवा और किसान पर ही फोकस रहे। इसलिए बजट में इन चारों वर्गों के लिए बड़ी राशि रखी जा सकती है। पशुपालक किसानों को भी सीधा लाभ देने के लिए बतौर प्रोत्साहन 5 से 7 रुपए की राशि प्रति लीटर पर देने की घोषणा हो सकती है, बशर्ते किसानों को सहकारी संस्थाओं को दुग्ध बेचना होगा। इसके अलावा गौशालाओं को भी हाईटेक करने का जिक्र बजट में होगा।
इस बार के बजट की बड़ी बात यह भी है कि पिछले साल 2023-24 के 3.14 लाख करोड़ की तुलना में यह 15 से 20% अधिक होने वाला है। इतनी बढ़ोतरी संभवत: पहली बार होगी, क्योंकि 2022-23 से 2023-24 में बढ़ोतरी 12% हुई थी और इसके पहले भी कमोबेश यही स्थिति रही।
भाजपा के संकल्प पत्र का बजट में खास जिक्र नहीं होगा, लेकिन यह अगले पांच साल के लक्ष्य से जुड़ा रह सकता है। साथ ही सिंहस्थ का मद नगरीय विकास विभाग में अलग से खोलने की तैयारी है। साफ है कि मोहन सरकार का पहला फुल बजट महिला, किसान, युवा और गरीब के साथ इंफ्रा व धर्म से भी जुड़ा होगा। इन सभी के लिए विभागों से अलग-अलग पैसा निकाला जाएगा।
आय के संसाधन पर भी सरकार का फोकस है, लेकिन इसके लिए वह सरकारी संपत्तियों को बेचने से अब पीछे हटेगी। संभावना है कि शिवराज सरकार में इसके लिए बने ‘लोक परिसंपत्ति विभाग’ को बंद कर दिया जाए। बजट में कोई नया टैक्स लगाने, बढ़ाने या सेस वसूलने की भी कोई संभावना नहीं होगी।
श्रीकृष्ण पाथेय के साथ इस बार सांस्कृतिक बजट 20% ज्यादा
- कैपिटल एक्सपेंडिचर पर 60 हजार करोड़ से अधिक होगा खर्च होगा।
- कुल बजट में 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 15 से 20% की बढ़ोतरी होगी।
- श्रीकृष्ण पाथेय, रामवन गमन पथ के साथ धर्म और संस्कृति का बजट बाकी से 20% ज्यादा बढ़ेगा। विधायकों के लिए ई-ऑफिस।
- 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ओल्ड एज सोसायटी बनेगी
- पीएम एक्सीलेंस कॉलेज को उच्च स्तरीय बनाया जाएगा।
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा… 4.88% बेटियों ने स्कूल छोड़ा
बेटियों की स्कूल छोड़ने की दर दोगुनी... 2021-22 में 5वीं तक लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर 2.91% थी। जाे अब 4.88% हो गई है।
प्रति व्यक्ति आय 1 साल में 2000 बढ़ी… प्रति व्यक्ति आय 2011-12 में 38,497 रु. थी, ये 2023-24 में 1.42 लाख हो गई। 2022-23 में 1.40 लाख थी।
3.13 लाख बेरोजगार बढ़े… 2023-24 में रोजगार कार्यालयों में 3.34 लाख नए बेरोजगार जुड़े। बेरोजगारों की संख्या 33.13 लाख हो चुकी है। (पढ़ें पेज 6 पर)
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