[ad_1]

विक्रम विश्वविद्यालय के विधि विभाग में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के सामने पढ़ाई का संकट खड़ा हो गया है। पिछले दो वर्ष से पदस्थ सरकारी कॉलेज के विधि विभाग के शिक्षक यहां अध्ययन कर रहे थे। हाल ही में शासन ने पांच शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त क
.
विक्रम विश्वविद्यालय में 2 वर्ष पहले विधि विभाग की शुरुआत हुई थी। विभाग के अंतर्गत बीए एलएलबी, एलएलएम प्लेन, एलएलएम सायबर लॉ और एलएलएम इन्फरमेशन सिक्युरिटी के पाठ्यक्रम शुरू हुए थे। इस विभाग में करीब तीन सौ से अधिक विद्यार्थी है। विधि विभाग में पढऩे वाले रेगुलर शिक्षक नही होने के कारण यहां पर शासन से पांच शिक्षकों को नवंबर 2021 में प्रतिनियुक्ति पर पढ़ाने के लिए भेजा गया था। उच्च शिक्षा विभाग ने दो वर्ष पूर्ण होने पर 21 जून को यहां पदस्थ पांच शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर सभी शिक्षकों को अन्य विधि कॉलेजों में पदस्थ करने के आदेश जारी किया है। आदेश पहुंचने के बाद ही विश्वविद्यालय के विधि विभाग में हड़कंप मच गया। विद्यार्थियों ने कुलगुरू व कुलसचिव से मुलाकात कर शिक्षक नही होने के कारण पढ़ाई प्रभावित होने की बात कही।
हालांकि अधिकारियों ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही शासन से चर्चा कर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को निरस्त करवाने के लिए अनुरोध किया जाएगा। कुलसचिव डॉ.अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूल ऑफ लॉ के गर्वमेंट के पांच शिक्षक यहां डेपूटेशन पर थे, उनका डेपूटेशन समाप्त कर शासन ने शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थापना की है। कुलपति से चर्चा हुई है। यहां भी विक्रम विश्वविद्यालय में लॉ की रेग्यूलर फैकल्टी सेंशन नही है। यहां बार कौंशिल से अप्रुड कोर्स चल रहा है। शासन से हम लोग निवेदन करेंगे कि इस संबंध में वे अपने निर्णय पर पुर्नविचार करें। शिक्षकों की पदस्थापना विश्वविद्यालय में ही रहने दें। इससे बार कौंशिल की औपचारिकताएं हम लोग पूर्ण कर सकें। साथ ही बार कौंशिल का इंफेक्शन होना भी बाकी है। इसलिए भी आवश्यक है कि शिक्षक यहां पदस्थ रहे।
इन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त की है
उच्च शिक्षा विभाग ने 21 जून को जारी आदेश में सहायक प्राध्यापक आनंद प्रताप सिंह व प्रगति सिंह को शा. विधि महाविद्यालय बीना जिला सागर, दिग्विजय सिंह मंडलोई व तृप्ति जायसवाल को शा. विधि महाविद्यालय खरगोन और तरूण कुमार को शा. विधि महाविद्यालय धार पदस्थ किया है। आदेश कहा कि उक्त तत्काल प्रभाव से लागू होगा। हालांकि विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा अभी पांचों शिक्षकों को रिलीव नही किया गया है।
चार पाठ्यक्रम में 300 से अधिक विद्यार्थी है
विश्वविद्यालय के विधि विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहे पाठ्यक्रम में सबसे अधिक विद्यार्थी है। इनमें बीए एलएलबी द्वितीय व चौथे सेमेस्टर में 38, एलएलएम प्लेन प्रथम सेमेस्टर में 105, तृतीय सेमेस्टर में 69, एलएलएम सायबर लॉ प्रथम सेमेस्टर में 71, तृतीय सेमेस्टर में 5 और एलएलएम इन्फरमेंशन सिक्युरिटी तृतीय सेमेस्टर में 21 विद्यार्थी अध्यनरत है।
[ad_2]
Source link 
 
            
