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नरसिंहपुर में गांजा तस्करों को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट मानवेंद्र प्रताप सिंह ने पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अपराध को गंभीर मानकर तीन दोषियों पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। करीब दो साल पुराने इस प्रकरण
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अभियोजन के अनुसार मामला 21 सितंबर 2022 का है। गाडरवारा थाने में पदस्थ उप निरीक्षक एचआर मानकर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक काले रंग की बाइक में तीन लड़के डोंगरगांव की ओर से गांजा बेचने के इरादे से आ रहे हैं। जो बायपास होते हुए जमाड़ा रोड से आएंगे।
इनकी बाइक पर हरे रंग की प्लास्टिक बोरी है, जिसमें बड़ी मात्रा में गांजा रखा हुआ है। सूचना पर त्वरित अमल करते हुए एसआई अपने हमराह स्टाफ, स्वतंत्र साक्षियों व विवेचना किट को लेकर मौके के लिए रवाना हुए। मुखबिर के बताए स्थान चीचली रेलवे फाटक अंडर ब्रिज के पास पहुंचकर संदेहियों का इंतजार किया।
कुछ देर बाद मुखबिर के बताए हुलिए के अनुसार एक व्यक्ति आता दिखा। जिन्हें हमराह स्टाफ की मदद से घेराबंदी कर पकड़ा गया। पूछताछ में बाइक चालक ने अपना नाम विश्राम पिता मेहरबान गौड़, दूसरे ने प्रशांत पिता नारायण गौड़, दोनों निवासी किरहकोटा और तीसरे ने अपना नाम दुर्गेश पिता जगदीश गौड़ निवासी छिंदखेड़ा थाना गाडरवारा का होना बताया।
आरोपियों के संयुक्त कब्जे वाली मोटरसाइकिल के पेट्रोल की टंकी पर एक हल्के हरे रंग की प्लास्टिक की बोरी मिली। जिसकी तलाशी लेने पर उसमें सात पैकेट पालीथिन के अंदर मादक पदार्थ गांजा प्राप्त हुआ। आरोपियों के संयुक्त कब्जे में रखे नीले रंग के पिट्ठू बैग की तलाशी लेने पर उसमें भी तीन पैकेट पॉलीथिन में लिपटा गांजा प्राप्त हुआ।
विवेचक की ओर से समरस कर उसकी पहचान की गई। मौके पर तौल कराने पर गांजा का कुल वजह 10 किलोग्राम होना पाया गया। गांजे को सीलबंद कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर सैंपलिंग के बाद गांजा परीक्षण के लिए एफएसएल सागर भेजा गया। यहां से आई रिपोर्ट में गांजा होना पाया गया।
विवेचना के बाद आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 11 साक्षियों का परीक्षण कराया। अतिरिक्त लोक अभीयोजक शैलेष पुरोहित के तर्कों व प्रकरण में आई आए अन्य तथ्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस मानवेंद्र प्रताप सिंह की ओर से तीनों तस्करों विश्राम गौड़, प्रशांत गौड़ और दुर्गेश गौड़ को 5-5 वर्ष का कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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