[ad_1]
रोबोट चौराहा से आगे मेट्रो के रूट को लेकर भले ही पेंच हो, लेकिन मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुपर कॉरिडोर पर फुल स्पीड पर ट्रायल शुरू कर दिया है। इंदौर मेट्रो की डिजाइन 90 किमी प्रति घंटा की है लेकिन ट्रैक पर 80 की स्पीड पर चलाने की अनुमति मिली है। वहीं य
.
सितंबर 2023 में मेट्रो का ट्रायल रन हुआ था। पूर्व सीएम ने जून तक इस रूट पर कमर्शियल रन की बात कही थी, लेकिन अभी तक इस हिस्से में आने वाले पांचों स्टेशन का काम पूरा नहीं हुआ है। वहीं, गांधी नगर डिपो में ट्रेन के 5 सेट आ चुके हैं। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी हाईस्पीड पर ट्रायल रन किया गया। जब तक कमर्शियल रन शुरू नहीं होता, तब तक हर दूसरे दिन इसे 80 की स्पीड तक चलाकर देखा जाएगा। इसके बाद अलग-अलग स्पीड पर ब्रेक टेस्टिंग की जाएगी। 10 किमी प्रति घंटा से लेकर 90 किमी प्रति घंटा की स्पीड तक ब्रेक लगाकर देखा जाएगा।
कॉरपोरेशन के शोभित टंडन ने बताया जब पूरा ट्रैक बिछ जाएगा तो फिर से स्पीड ट्रायल किया जाएगा, क्योंकि सुपर कॉरिडोर पर कोई कर्व नहीं है लेकिन लवकुश चौराहा से आगे बढ़ने पर कर्व आएगा। हर डेढ़ से दो मिनट में एक स्टेशन आएगा। कहीं 25 तो कहीं 30 की स्पीड मिलेगी। जहां-जहां कर्व होंगे, वहां स्पीड कम की जाएगी।

सिक्योरिटी क्लीयरेंस में लगेंगे दो माह
अगले हफ्ते अलग-अलग स्पीड पर ब्रेक के साथ पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, सीसीटीवी की टेस्टिंग की जाएगी। इसके लिए रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) को आवेदन किया है। जल्द ही टीम इंदौर आएगी। मेट्रो ट्रैक और ट्रेन की टेस्टिंग होगी। इसके बाद सिक्योरिटी क्लीयरेंस के लिए सीएमआरसी को रिपोर्ट भेजी जाएगी। रिपोर्ट सबमिट होते ही सीएमआरसी की टीम आएगी। वहां से अनुमति मिलते ही कमर्शियल रन किया जा सकेगा। प्रक्रिया पूरी करने में डेढ़ से दो माह लगेंगे।
[ad_2]
Source link



