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दमोह जिले में आने वाले पांच सालों में दमोह जिला कैसा होना चाहिए। इसके लिए गुरुवार दोपहर कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में डॉक्यूमेंट विजन नाम से एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रदेश के पशुपालन राज्य मंत्री, संस्कृति राज्य मंत्री और दमोह पथरिया के विधा
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बैठक में कलेक्टर, एसपी भी मौजूद थे। जन प्रतिनिधियों ने मौजूद लोगों से दमोह जिले के विकास के लिए सुझाव मांगे। मंत्री लखन पटेल ने लोगों से कहा कि आप सभी बताएं कि आपका जिला कैसा होना चाहिए। आने वाले 5 सालों में दमोह में क्या-क्या विकास कार्य होने चाहिए। मौजूद जनप्रतिनिधियों से लोगों ने अपने सुझाव दिए।
किसी ने खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए सिंचाई परियोजनाओं को पूरे जिले में लागू करने की बात की, तो किसी ने आवाजाही के लिए सड़क और पुलिया निर्माण की बात की। लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं जनप्रतिनिधियों को बताई, जिन्हें दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने नोट किया।

दमोह विधायक और प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के तहत जिले भर के लोगों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। जिनकी एक फाइल तैयार की जाएगी और कलेक्टर के माध्यम से वह फाइल शासन को जाएगी। इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव पास होगा और जिले के सभी विकास कार्य किए जाएंगे।
संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि दमोह जिला पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में काफी आगे है। यहां बहुत संभावना है और क्षेत्र में काम होना आवश्यक है, जिसकी शुरुआत बांदकपुर जागेश्वरनाथ धाम में 100 करोड रुपए की योजना के कॉरिडोर निर्माण के साथ कर रहे हैं। कुछ दिनों में इसका काम शुरू हो जाएगा।
पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि डॉक्यूमेंट विजन के माध्यम से सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद विकास कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में जो विकास की आवश्यकता सबसे अधिक होगी उसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
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