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श्री महाकालेश्वर मंदिर की आये दिन हो रही अवैध वसूली श्रद्धालुओं के सात दुर्व्यवहार और मंदिर की व्यवस्थाओं पर भाजपा के घट्टिया क्षेत्र के विधायक सतीश मालवीय ने सीएम को पत्र लिखकर मंदिर की व्यवस्थाओ पर एक्शन लेने के लिए आग्रह किया है। सतीश मालवीय ने कह
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विधायक मालवीय मंदिर की व्यवस्थाओं से बेहद असंतुष्ट हैं। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखे पत्र में कई बाते लिखी है जिसमें लिखा कि अधिकारी इन घटनाओं को रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठा पा रहे हैं। इससे शासन की बदनामी हो रही है। पत्र के अंत में मालवीय ने श्री महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए शासन से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है।
ये लिखा है सीएम को भेजे गए पत्र में –
यह हमारे लिए सदैव से आस्था युक्त गौरव का विषय रहा है कि हम विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी में रहते हैं। देश-विदेश में इस नगरी की ख्याति है। रोजाना हजारों श्रद्धालु, आस्थावान राजा महाकाल को शीश नवाने, दर्शन करने, एक झलक पाने के लिए उज्जैन आते हैं। 11 अक्टूबर-2022 को श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो गुना – तीन गुना हो गई है। संख्या को देखते हुए शासन-प्रशासन का दायित्व बनता है कि वे आगंतुक दर्शनार्थियों के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं करे । श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
किंतु बहुत ही पीड़ा के साथ यह देखने में आ रहा है कि वर्तमान में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। श्रद्धालुओं के साथ मारपीट, भस्म आरती दर्शन कराने के नाम पर दर्शनार्थियों के साथ अवैध वसूली, ठगी, मंदिर में तैनात कर्मचारियों का दुर्वव्यवहार आम बात हो गई है। आए दिन प्रमुख समाचार पत्रों, चौनलों व अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों पर इन सब लज्जाजनक घटनाओं का प्रकाशन, प्रसारण हो रहा है। उदाहरण के तौर पर रविवार को ही महाकाल भक्तों के साथ अवैध वसूली के तीन मामले सामने आए हैं। इनमें मंदिर में ही तैनात निजी कंपनी के कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई और उन्हें हटाया गया। जून महीने में ही श्रद्धालुओं के साथ ठगी के करीब एक दर्जन मामले सामने आए हैं।
महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कोई ठगी या अप्रिय घटना न हो, इसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति की है। मगर देखने में यह आ रहा है कि अधिकारी लगातार हो रही इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस अथवा कारगार कदम नहीं उठा पा रहे हैं। अफसर मंदिरों का सतत निरीक्षण भी नहीं करते, जिससे व्याप्त अव्यवस्थाएं उनके संज्ञान में आ सके। कुल मिलाकर इन सब स्थितियों, परिस्थितियों से उज्जैन की छवि पर सीधा असर पड़ रहा है और बदनामी मध्य प्रदेश शासन की भी हो रही है। अगर इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले श्रद्धालु इसी तरह आहत होते रहेंगे और व्यवस्थाओं को पूरे देश भर में कोसेंगे। अब मप्र सरकार को चाहिए कि वह सीधे इसमें हस्तक्षेप कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे ताकि दर्शनार्थियों को सुलभ और सुविधापूर्ण तरीके से दर्शन हो सकें।
ठोस कदम उठा रहे है-
पुरे मामले में महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक मृणाल मीणा ने कहा कि महाकाल मंदिर में ठगी और मारपीट की घटना के संबंध में एफआइआर करवाई है इससे पहले कर्मचारियों को चोरी करते भी पकड़ा है। धोखाधड़ी को लेकर हमने कुछ वेबसाईट भी बंद करवाई है, मंदिर की व्यवस्था को लेकर ठोस कदम उठा रहे है।

सीएम को लिखा गया पत्र
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