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दो दिन बाद (29 जून) से अमरनाथ यात्रा प्रारंभ हो रही है। इसके लिए 407 यात्रियों का पहला जत्था बुधवार शाम भोपाल रेलवे स्टेशन से मालवा एक्सप्रेस में सवार होकर जम्मू के लिए रवाना हुआ। रामलला की प्रतिमा और त्रिशूल-तिरंगा लेकर यात्रा कर रहे इन यात्रियों मे
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मंडल के सचिव रिंकू भटेजा ने बताया कि श्रीराम ने भी शिवलिंग की स्थापना कर रामेश्वर पूजा की थी। अयोध्या में रामलला विराजमान हो चुके हैं, तो उनके उसी स्वरूप को अपने साथ ले जा रहे हैं। पांच जत्थे रामलला की 51 प्रतिमाएं अमरनाथ गुफा तक लेकर जाएंगे। इनमें से डेढ़ फीट की एक प्रतिमा मंडल वहां विराजमान कराएगा, जबकि बाकी श्रद्धालु अपने साथ वापस लाकर घरों में रखेंगे।
407 यात्रियों के जत्थे में भेल, बैरागढ़ सहित भोपाल के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्त शामिल हैं। आज के जत्थे में गांधीनगर निवासी 13 वर्ष की बालिका मानसी शर्मा एवं अशोका गार्डन निवासी 68 वर्ष के दुर्गा प्रसाद भी शामिल हैं। मंडल सदस्यों ने भोपाल स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म के बाहर हनुमान मंदिर के पास अमरनाथ जाने वाले यात्रियों को ढोल-धमाके के साथ तिलक लगाकर विदाई दी।
अष्टधातु से बनी है डेढ़ फीट की एक प्रतिमा
भोपाल जिले से 15 हजार से अधिक लोग अमरनाथ यात्रा पर जाएंगे। यात्रा 17 अगस्त रक्षा बंधन तक चलेगी। भटेजा ने बताया कि मंडल की ओर से 51 रामलला की प्रतिमाएं मंगाई गई हैं। इनमें डेढ़ फीट की एक अष्टधातु की प्रतिमा है, शेष विभिन्न प्रकार के स्टोन से बनी हैं, जो छह से 8 इंच तक की हैं।
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