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एक तरफ सरकार आदिवासियों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए तमाम तरह की योजना चला रही है और आदिवासियों के वोट बैंक को साधने के लिए नेता घोषणा करते हैं। मगर उन योजनाओं का क्या फायदा जब आदिवासियों को अपनी जाति साबित करने के लिए प्रमाण पत्र ना हो। जिले के 3
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रायसेन जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 32 गांव के आदिवासी ग्रामीण मंगलवार रायसेन कलेक्ट कार्यालय पहुंचे। जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 50 वर्ष से रह रहे हैं उनके पूर्वज झाबुआ से आए थे। कोई रिकॉर्ड नहीं होने की वजह से उनके जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। जिससे जाति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। उनके बच्चों की शिक्षा और शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, कई बार शिकायत की अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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