[ad_1]

अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था ने रविवार को विश्व संवाद केंद्र में मासिक गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें 30 साहित्यकारों ने विभिन्न विषयों एवं विधाओं पर रचना पाठ किया। हरिवल्लभ शर्मा हरि ने गजल ‘जो चला नहीं, है खड़ा वहीं, उसे हादसों का पता नहीं। उसे मंजिल
.
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर शर्मा गौरीश ने की। मुख्य अतिथि डॉ. प्रकाश बरतूनिया कुलाधिपति भीमराव आंबेडकर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ और विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मोहम्मद आजम के साथ संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरि वल्लभ शर्मा ‘हरि’ एवं श्री विनोद जैन मंचस्थ रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि बरतूनिया ने कहा कि आज की रचनाओं में बहुत विविधता रही है, कविता लिखना आसान नहीं है और एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ हुआ है।
डॉ. मोहम्मद आजम ने अपने शायराना अंदाज में कुछ शहर एवं गजलों का पाठ किया। भोपाल शहर एवं आसपास से आए लगभग 30 साहित्यकारों ने रचना पाठ किया। राजेन्द्र शर्मा ‘अक्षर’ ने ‘ये घने आषाढ़ के बादल, आज कर देंगे हमें पागल।” कविता पाठ किया।
[ad_2]
Source link



