[ad_1]

जिला अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य संसाधन होने के बाद भी जररूरतमंद लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोग निजी अस्पतालों में मंहगा इलाज कराने को मजबूर हैं। जिला अस्पताल में पदस्थ विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी मर्जी आते-जाते हैं। ड्यूटी के समय की
.
नाक-कान और गला के मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
जिला अस्पताल में दो नाक-कान और गला विशेषज्ञ के रुप में डॉ. सुधीर श्रीवास्तव और डॉ. प्रवीर गुप्ता पदस्थ हैं। लेकिन, बावजूद इसके मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। डॉ. सुधीर श्रीवास्तव अधिकांश समय अपने कक्ष से गायब रहते हैं। मरीज यहां-वहां भटकते रहते हैं। घंटो इंतजार करते रहते हैं। लेकिन, उन्हें इलाज कराने डॉक्टर नहीं मिलता। मजबूरन लोगों को प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराना पड़ता है।
दो डॉ. पदस्थ फिर भी भटक रहे मरीज
जिला अस्पताल में दो ईएनटी विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। डॉ. सुधीर श्रीवास्तव जिन्हें आरएमओ और ब्लड बैंक प्रभारी बनाया गया है। वहीं दूसरे डॉ. प्रवीर गुप्ता हैं, जो सिविल सर्जन हैं। दोनों की ही व्यवस्ताएं बनी रहती हैं। बताया गया कि दोनों ही डॉक्टर प्रबंधन के कार्यों में व्यस्त रहते हैं। लंबे समय से जिला अस्पताल में ऐसे हालात बने हैं। इसके बावजूद भी ईएनटी मरीजों के लिए अतिरिक्त डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की जा रही।
ओपीडी के समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं आते हैं, जिससे मरीज घंटों परेशान होते रहते हैं। ओपीडी का समय सुबह 9 बजे है। लेकिन, डॉक्टर 10 बजे पहुंचते हैं। इसके बाद दोपहर से पहले ही निकल जाते हैं। जबकि शाम 5 से 6 बजे भी डयूटी करने के निर्देश हैं। लेकिन, शाम को डॉक्टर अस्पताल नहीं आते हैं।
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता का कहना है कि डॉ. सुधीर श्रीवास्तव को ब्लड बैंक की जिम्मेदारी है। आरएमओ होने के कारण भी वह व्यस्त रहते हैं। लेकिन, मरीजों को भी देखना है। मैं खुद भी मरीजों को देखता हूं।
[ad_2]
Source link

