Home मध्यप्रदेश 16 universities including 7 government universities of Madhya Pradesh which did not...

16 universities including 7 government universities of Madhya Pradesh which did not appoint Lokpal are defaulters | यूजीसी की कार्रवाई…: लोकपाल नियुक्त नहीं करने वाली मप्र की 7 सरकारी समेत 16 यूनिवर्सिटी डिफॉल्टर – Bhopal News

35
0

[ad_1]

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश की 157 डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है। इनमें मप्र के 7 सरकारी समेत कुल 16 विश्वविद्यालय हैं। डिफॉल्टर घोषित होने से इन यूनिवर्सिटी पर नकारात्मक असर पड़ेगा। छात्र वर्तमान यहां पढ़ रहे हैं, उन्हें नौक

.

यहां छात्रों को अपेक्षाकृत ज्यादा गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि आरजीपीवी 19.48 करोड़ के घोटाले और मेडिकल यूनिवर्सिटी छात्रों की समस्याओं के चलते चर्चा में है। इन विश्वविद्यालयों में यूजीसी की गाइडलाइन अनुसार लोकपाल नियुक्त नहीं हुए हैं। लोकपाल छात्रों की समस्याओं का निवारण कराने के लिए काम करता है।

आरजीपीवी के रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन और मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल का कहना है कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।

एमसीयू के वीसी बोले-हम नियुक्त कर चुके…
इस लिस्ट में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि का भी नाम है। वीसी प्रो. केजी सुरेश का कहना है कि विवि में लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है। रिटायर्ड जज ओपी सुनरिया को लोकपाल नियुक्त किया है। इस संबंध में यूजीसी को जानकारी दी जाएगी।

जिन्होंने नियुक्ति की, उन्होंने जानकारी डिस्प्ले नहीं की…
खास बात ये है कि बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी समेत जिन यूनिवर्सिटी ने लोकपाल नियुक्त कर लिए हैं। वे अब तक इसकी जानकारी छात्रों तक पहुंचाने में असफल हुए हैं। इस संबंध में कोई जानकारी विवि में डिस्प्ले नहीं की है। जहां छात्र लोकपाल तक शिकायत पहुंचा सकें।

एक्सपर्ट कमेंट… जो छात्रों को परेशान करते हैं उनका पता लग सकेगा…

बीयू के रिटायर्ड रजिस्ट्रार डॉ. एचएस त्रिपाठी ने बताया कि ये सभी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी हैं। इनके ऊपर तो असर होगा ही। 12B में ग्रांट रुक सकती है। यूजीसी इनको डिग्री अमान्य का नोटिस दे सकती है। असर तो होता है पर एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि इन विश्वविद्यालय में प्रायोगिक कार्य ज्यादा महत्वपूर्ण होता है इसलिए छात्र शिक्षकों से कुछ ज्यादा ही अटैच होते हैं या बहुत डरते हैं।

अगर लोकपाल होगा तो ऐसे शिक्षकों का पता लग सकता है जो छात्रों को परेशान करते हैं। लोकपाल , विश्वविद्यालय के अंदर फेवरटिस्म के लिए काफी बड़ा इलाज हो सकता है। इसीलिए शायद ये विश्वविद्यालय शिक्षकों और विवि प्रशासन के आपस के गठजोड़ से नियुक्त न कर रहे हों। इन विवि में छात्रों से जुड़ी सबसे ज्यादा गंभीर शिकायतें आती हैं। इसलिए इनसे संबंधित विभागों को भी इस पर कार्रवाई करनी होगी।

वर्जन…
मार्च माह में ही मध्यांचल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, ओरिएंटल यूनिवर्सिटी सहित अन्य ज्यादातर प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है। इस संबंध में यूजीसी को दोबारा सूचित किया जाएगा। अन्य में भी जल्द ही नियुक्ति कर ली जाएगी।
डॉ. अजीत सिंह पटेल, सेक्रेटरी, निजी विश्वविद्यालय संघ, मप्र

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here