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An event was organized on Emperor Dahirsen Memorial Day in Indore | इंदौर में सम्राट दाहिरसेन स्मृति दिवस पर हुआ आयोजन: शिक्षा में सिंधी भाषा का महत्व और सिंधी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना – Indore News

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सिंध के अंतिम सम्राट बलिदानी सिंधुपति राजा दाहिरसेन के बलिदान दिवस पर इंदौर शहर में रविवार को खंडवा रोड स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के ऑडोटोरिम में व्याख्यान माला आयोजित की गई। साथ सिंधी लोकगीत/ लाडो पर नृत्य के साथ-साथ भव्य सिंधी नाटक का मंचन भ

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कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अतिथि और समाजजन।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अतिथि और समाजजन।

आयोजन में वासुदेव देवनानी ने कहा कि- सुबह-सुबह घरों में सिंधी गीत-संगीत, सिंधी मैंगजीन-अखबार, सिंधी व्यंजन एवं पूरे परिवार के साथ बैठकर सिंधी साहित्य पढ़ने और सुनने के 4 मूल मंत्र अगर सिंधी समाज के परिवारों ने अपना लिए तो अपनी सिंधी भाषा, संस्कृति और विरासत कभी लुप्त नहीं हो सकती।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि संस्कृति और भाषा से होती है, समाज की पहचान और आज की युवा पीढ़ी को सामाजिक संस्कार के साथ-साथ समाज की संस्कृति और भाषा से रूबरू कराने के लिए ऐसे आयोजन आवश्यक होते हैं। जितना हम अपनी मीठी भाषा से जुड़ेंगे, उतना ही भाषा का और संस्कृति का विकास होगा।

इस मौके पर मोहन मंगनानी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को डिजिटल सिंधी भाषा से जोड़ने और शिक्षा से भाषा और भाषा से रोजगार उत्पन्न हो इसकी हमें ज्यादा से ज्यादा कोशिश करना होगी। साथ ही डॉ. रवि प्रकाश टेकचंदानी ने कहा कि सिंधु संस्कृति विभाग की जल्द स्थापना की जाना चाहिए।

सिंधी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सिंधी भाषा और सिंधी संस्कृति से समाजजन को जोड़ें रखने एवं आज की डिजिटल दुनिया में समाज के युवाओं को अपनी भाषा और संस्कृति से जोड़े रखने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद पूरे देश में आयोजन करती है।

बड़ी संख्या में शामिल हुए समाजजन।

बड़ी संख्या में शामिल हुए समाजजन।

राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य एवं कार्यक्रम संयोजक मनीष देवनानी एवं आयोजन के प्रचार प्रसार प्रमुख नरेश फुंदवानी ने बताया कि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, इनोवेटिव सोसायटी फॉर पीपल्स अवेयरनेस एवं केयर एंड एजुकेशन समिति इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सिंधु सम्राट महाराजा दाहिरसेन की स्मृति दिवस में शामिल होने के लिए मुख्य रूप से राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (अजमेर), राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष मोहन मंगनानी, परिषद के निदेशक रवि टेकचंदानी विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस मौके पर सिंधी समाज के गौरव इंदौर शहर के सांसद शंकर लालवानी भी सबके साथ मिलकर आयोजन में शामिल हुए।

शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मान करते हुए।

शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मान करते हुए।

नमोश तलरेजा एवं विनीता मोटलानी ने बताया कि आयोजन की शुरुवात दोपहर में सिंध के अंतिम सम्राट की स्मृति दिवस पर “मंथन” सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किया गया। सेमिनार में हासो दादलानी अजमेर, ईश्वर झामनानी इंदौर, विजय कोटवानी पुणे, ऋतु भटिया अहमदाबाद, लोकेंद्र फतनानी नीमच, नादिया मसंद इंदौर और कविता इसरानी भोपाल ने वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए।

फूलमाला पहनाकर सांसद और अतिथि का सम्मान करते हुए।

फूलमाला पहनाकर सांसद और अतिथि का सम्मान करते हुए।

उक्त “मंथन” सेमिनार के बाद शाम में मुंबई की मशहूर सिंधु सखा संगम संस्था के कलाकारों द्वारा नाटक और निर्देशक जूही तेजवानी एवं लेखक निखिल राजपाल द्वारा लिखित “ओह मुहींजा झूलेलाल” सिंधी नाटक का मंचन किया गया। सुजाग संगम के कलाकारों द्वारा सिंधी लोकगीतों की मधुर प्रस्तुतियां दी गईं।

व्याख्यान माला में शामिल हुए समाजजन।

व्याख्यान माला में शामिल हुए समाजजन।

​अंत में सिंधु शोध पीठ में सिंधी एम.ए. के पहले सेमेस्टर में पास विद्यार्थियों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत इष्टदेव भगवान झूलेलाल के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन कविता इसरानी (भोपाल) ने किया। आभार जवाहर मंगवानी ने माना।

"ओह मुहींजा झूलेलाल" सिंधी नाटक की प्रस्तुति देते हुए।

“ओह मुहींजा झूलेलाल” सिंधी नाटक की प्रस्तुति देते हुए।

मंच पर बैठे अतिथि और समाजजन।

मंच पर बैठे अतिथि और समाजजन।

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