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मां गंगा की महाआरती के साथ हुआ अभियान का समापन।
5 से 16 जून तक जल, पर्यावरण और जलस्रोतों के संरक्षण के लिए आयोजित किए गए प्रदेशस्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन सागर में रविवार को किया गया। गंगा दशहरा के मौके पर लाखा बंजारा झील किनारे गंगा मंदिर घाट पर संस्कृतिक और भक्ति संगीत के कार्यक्रमों
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उसके बाद महिलाओं ने सागर झील के किनारे 1000 दीपक जलाकर और झील में दीपदान कर संदेश दिया कि हम सबको प्राचीन जल स्रोतों का संरक्षण और उनका पुनर्जीवन करने के लिए कार्य करना है। जिससे हमारे प्राचीन जल स्रोत पूर्व की भांति हमें जल उपलब्ध कराते रहे। यह अभियान का समापन नहीं बल्कि आगाज है कि हम जिस प्रकार अपने घरों को साफ स्वच्छ रखते हैं, उसी प्रकार प्राचीन जल स्रोतों को साफ स्वच्छ रखने के लिए जागरूक रहे और लोगों को भी जागरूक करें।

जल स्त्रोतों के संरक्षण की ली शपथ।
जल संरचनाओं के पानी की कराई जाएगी जांच
महापौर संगीता सुशील तिवारी ने कहा कि जिन जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा। इन संरचनाओं का उपयोग ग्रीष्मकालीन संकट के समय जब राजघाट के पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है, उस समय किया जाएगा। इसके लिए भी विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी। नगर निगम क्षेत्र में निजी या सार्वजनिक जल संरचनाएं हैं, उनका डाटा तैयार किया जाएगा। जल संरचनाओं के पानी का परीक्षण भी कराया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जल दान कर अपना सहयोग निभाएं।
सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि हमारे पूर्वजों की निशानी सागर झील को हम सब साफ-स्वच्छ और सुरक्षित रखने का संकल्प लें। तब हमारा जीवन सार्थक होगा। जल स्रोतों को शोषण से बचाने का कार्य हम सब नागरिकों का है न कि केवल शासन प्रशासन का है। इस दौरान बीना विधयाक निर्मला सप्रे, नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, कलेक्टर दीपक आर्य, निगम आयुक्त राजकुमार खत्री, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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