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जल गंगा संवर्धन अभियान में तालाब की सफाई करता दल। (फाइल फोटो)
एमपी में जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान तालाबों और जलाशयों की सफाई से निकलने वाली गाद ले जाना भी कई जिलों में किसानों पर भारी पड़ रहा है। यहां माइनिंग अफसर तालाब की गाद और मिट्टी लेकर जाने वाले किसानों को पकड़कर केस दर्ज कर रहे हैं, और जुर्माना करते
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दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) से जल गंगा संवर्धन अभियान, योग दिवस, स्कूल चलें हम अभियान को लेकर सभी जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, आईजी और कमिश्नर के अलावा सांसदों और विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान एक विधायक ने कहा- कुछ जिलों में जलाशयों, तालाबों से निकलने वाली गाद और मिट्टी को जब किसान अपने खेतों में डालने के लिए ट्रैक्टर से ले जाते हैं तो माइनिंग अफसर उन्हें पकड़कर ट्रेक्टर जब्ती के साथ जुर्माने की कार्रवाई करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव से नियम की जानकारी मांगी।
प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने वीसी के दौरान बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं की जा सकती है। उन्होंने इसको लेकर खनिज नियम का हवाला देते हुए बताया कि पूर्व में इसके आदेश जारी किए गए थे, और अब वे फिर जल्द ही कलेक्टरों को पत्र लिखकर ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी करेंगे।
सीएम यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा- ऐसे समाजसेवी जिन्होंने अभियान में आगे बढ़कर हिस्सेदारी की है उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए। जिससे अन्य लोग भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित हों। ऐसे लोगों को सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल संरक्षण के लिए ऐसे स्थान का भी चयन करें जहां पर्यटन विकास हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त किया जाए।
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