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Excise SI became Assistant Director | आबकारी SI बनीं सहायक संचालक: MPPSC- 2022 का मेंस क्लियर, इंटरव्यू के लिए आया कॉल, बोलीं- डिप्टी कलेक्टर बनना चाहती हूं – Vidisha News

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विदिशा में फोर्थ क्लास कर्मचारी की बेटी ने शिक्षा विभाग में सहायक संचालक के पद पर चयनित होकर परिवार का नाम रोशन किया है। एमपीपीएससी 2021 का रिजल्ट आने के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

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विदिशा के बंटी नगर इलाके में रहने वाली रानी अहिरवार वर्तमान में आबकारी विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर है। अब उनका चयन शिक्षा विभाग में सहायक संचालक के पद पर हुआ है।

रानी ने बताया कि 2016 में एसएटीआई कॉलेज से इंजीनियरिंग कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गई थी। पहली बार 2019 में एमपीपीएससी की परीक्षा दी थी। 2019 का रिजल्ट जनवरी 2024 को आया था, जिसमें उसका चयन आबकारी विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था। उसकी पोस्टिंग नर्मदापुरम जिले में हुई है।

2020 की एमपीपीएससी की परीक्षा में उसका चयन नहीं हुआ था। कुछ दिन पहले 2021 की परीक्षा परिणाम में उसका चयन शिक्षा विभाग में सहायक संचालक के पद पर हुआ है। रानी ने बताया कि 2 दिन पहले 2022 में दी परीक्षा का रिजल्ट आया है, जिसका मेंस को उन्होंने क्लियर कर लिया है। अब इंटरव्यू कॉल आया है। रानी का डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना है।

रानी ने बताया कि उसके पिता जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में क्लास 4th कर्मचारी हैं। घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक नहीं थी। तीन भाई-बहनों में वह बीच की है। जब उसके बड़े भाई की एसएफ नौकरी लगी, उसके बाद घर की स्थिति थोड़ी ठीक हुई। उसकी छोटी बहन भी एमपीपीएससी की तैयारी कर रही है।

रानी ने बताया- उसकी परिजनों का हमेशा उसे सहयोग मिला है। उसके पिता ने हमेशा उसे पढ़ाई में आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी है। अभी जब 2021 एमपीपीएससी का रिजल्ट आया, तब वह नर्मदापुरम में थी। परिजनों के साथ सबने फोन पर उसको बधाई दी। अब जब वह विदिशा आई तो घर जाने पर उसके माता-पिता खुशी से झूम उठे और मां ने आरती उतार कर तो वही परिजनों ने केक कटवाया।

रानी ने बताया कि उसकी सफलता का राज है कि रोज पढ़ने का एक लक्ष्य बनाकर बैठती थी, जब तक वह पूरा नहीं जाता था वह नहीं उठती थी, जितना भी सिलेबस है, मैं उसका शॉर्ट नोट्स बनाती थी। ज्यादा से ज्यादा उनका रिवीजन करती थी। उन्होंने 7 बार टेस्ट सीरीज लगाई है। टेस्ट सीरीज लगाने का यह फायदा हुआ और उसने एमपीपीएससी में उसका चयन हो गया।

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