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भगवान विश्वकर्मा मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा के तीसरे दिन ( शनिवार) अनेकानेक कथाओं का वर्णन पंडित अजय शास्त्री धाम वृंदावन के द्वारा किया गया। मुख्य रूप से चार वेदों के विषय विस्तार से वर्णन किया। नारद जी के पुर्वजन्म की कथा का
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सर्वप्रथम कथा के शुरुआत के पहले श्रीमद्भागवत कथा की आरती की गई और फिर कथा का वाचन अजय शास्त्री जी महाराज के ने शुरु किया। उन्होंने कथा में बताया कि इस धरती पर जब जब पाप बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। उनकी अपने भक्तों पर कृपा होती है। भगवान और भक्त का नाता बड़ा ही पवित्र होता है। भक्त अपनी भक्ति से भगवान को बस में कर सकता है। भगवान की भक्ति से पाप घटता है।
इसके साथ ही भगवान के चौबीस अवतारों के वर्णन ऋषभ देव, नर नारायण कपिल, वराह अवतारों के विषय में विस्तार से वर्णन किया गया। कथा सुनने पन्ना नगर के भारी संख्या में मौजूद रहे।



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