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MPPSC 2021 Result Topper; Guna Deputy Collector Amit Soni Success Story | डिप्टी कलेक्टर अमित सोनी की MPPSC में 2nd रैंक: इंटरव्यू में पूछा- पहले से डिप्टी कलेक्टर, फिर दोबारा अटेम्प्ट क्यों; इकोनॉमी से जुड़े सवाल पूछे – Guna News

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MPPSC ने गुरुवार देर शाम राज्य सेवा परीक्षा 2021 का परिणाम घोषित कर दिया है। गुना में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अमित सोनी ने प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने 1500 में से 921.25 अंक हासिल किए हैं। वह पिछले छह महीनों से गुना में पदस्थ हैं। उ

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एमपी सेकेंड टॉपर से दैनिक भास्कर ने बातचीत की। उन्होंने इंटरव्यू में पूछे गए सवाल से लेकर एग्जाम की तैयारियों सहित सभी विषयों पर बात की। उन्हीं से जानिए, उनका सफर कैसा रहा।

सवाल– कैसे तैयारी की? पढ़ाई के लिए रोज कितना समय दिया?

जवाब– PSC की तैयारी वर्ष 2018 से शुरू की थी। मैंने पहला अटेम्प्ट 2019 परीक्षा का दिया था। उसके बाद 2020 और 2021 लगातार एग्जाम दिए हैं। 2019 में मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर पद पर हुआ था। उसी तरह 2021 की परीक्षा में मुझे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। मैंने जॉब के साथ पूरी तैयारी की है। प्रतिदिन औसतन तीन से चार घंटे पढ़ाई के लिए देता था। वीकेंड पर थोड़ा ज्यादा समय देता था। पूरे सिलेबस को एक निश्चित पाठ्यक्रम के अनुरूप सही प्लानिंग के साथ करते जायेंगे, तो सिलेक्शन आसानी से हो जाते हैं।

सवाल– आप ऑलरेडी डिप्टी कलेक्टर हैं। फिर दोबारा परीक्षा क्यों?

जवाब– दरअसल आयोग की कई परीक्षाएं काफी समय से पेंडिंग थी। 2019 की परीक्षा के रिजल्ट में एक महत्वपूर्ण तथ्य ये था कि ये रिजल्ट कोर्ट की प्रक्रिया के अधीन था। ऐसे में एक डर का भी भाव रहता है। इसलिए मैंने एक सेफ साइड को लेते हुए 2021 का इंटरव्यू भी दे दिया था। परीक्षाओं में ज्यादा गैप न होने के कारण इन सभी परीक्षाओं के रिजल्ट लगभग एक साथ ही आए हैं और कई सारे चयन लगातार होते गए।

सवाल– इंटरव्यू में क्या सवाल पूछे गए?

जवाब– इंटरव्यू मेरा कोष्टी सर के बोर्ड में था और लंच के बाद इंटरव्यू हुआ था। जैसे ही मैंने एंटर किया तो मुझसे मेरा परिचय पूछा। इंट्रोडक्शन में मैंने अपने वर्तमान जॉब के बारे में बताया और एजुकेशन के बारे में बताया। पहला सवाल उनका यही था की आप डिप्टी कलेक्टर हैं ही, फिर क्यों आना चाहते हैं। तो मैंने इसका संक्षिप्त जवाब दिया। उसके बाद मुझे ऐसा लगा कि कोष्टी सर की रुचि इकोनॉमी फील्ड में अधिक है। उन्होंने इकोनॉमी से जुड़े सवाल ही पूछे। इकोनॉमी में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन हुए थे, WTO की सब्सिडी, एग्रीमेंट ऑन एग्रीकल्चर, जैसे ब्लू बॉक्स सब्सिडी, एम्बर बॉक्स सब्सिडी, इन सब से जुड़े ही सवाल थे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में अवमूल्यन का क्या फर्क पड़ता है, अधिमूल्यन का क्या फर्क पड़ता है, इससे संबंधित सवाल थे। इंटरव्यू बोर्ड के एक और सदस्य थे, उनका शायद इतिहास में ज्यादा इंटरेस्ट थे, तो उन्होंने हिस्ट्री से जुड़े सवाल पूछे। उन्होंने 1919 का अधिनियम, 1909 का अधिनियम, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, इससे जुड़े कई सवाल पूछे कि कब पारित किया गया और इसमें क्या क्या महत्वपूर्ण प्रावधान रहे। कुछ प्रश्न मेरी हॉबी और पर्सनल इंटरेस्ट से संबंधित थे।

सवाल– आपके दिए जवाबों से ही बोर्ड और सवाल गढ़ता है?

जवाब– जैसे ही इंटरव्यू में हम कुछ वाक्यांश बोलते हैं, तो इंटरव्यू लेने वाले उन वाक्यांशों में से कुछ शब्द चुनकर नए प्रश्न गढ़ते हैं। जैसे मैंने इंट्रोडक्शन में बताया कि मैं गुना जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हूं, तो उन्होंने यही सवाल पूछा कि ऑलरेडी डिप्टी कलेक्टर हैं, फिर से इंटर क्यों। जैसे मैंने अपना एजुकेशन बताया तो एक और सवाल हुआ कि आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियर फील्ड से हैं, तो आप उसका क्या उपयोग करेंगे इस फील्ड में। आप मैक्सिमम इंटरव्यू के सवालों का अनुमान लगा सकते हैं जो आप जवाब देने वाले हैं इंट्रोडक्शन में।

सवाल– अब जो विद्यार्थी परीक्षा देने जा रहे हैं, उन्हे क्या टिप्स देंगे?

जवाब– सामान्य तौर पर जैसी स्थिति में वर्ष 2018 में थी, हम जब तैयारी शुरू करते हैं तो एक बिल्कुल कोरा पन्ना होता है। हमें पता नहीं होता कि किस और जाना है। सबसे महत्वपूर्ण जो तथ्य जो है कि सबसे पहले आपको चाहिए मार्गदर्शन। वो आपको कोचिंग के माध्यम से हो सकता है, किसी मेंटर के माध्यम से या फिर आपके किसी दोस्त के माध्यम से जिनका पहले चयन हो चुका हो। प्रॉपर मार्गदर्शन किसी से लीजिए। सिलेबस उठाइए परीक्षा का। और किसी से कुछ भी न पूछने का तरीका है कि आप पूर्व में हुई परीक्षाओं के प्रश्न पत्र देखें। उन्हे देखेंगे तो आपको अपने आप आइडिया लग जायेगा कि प्रीलिम्स में किस तरह की तैयारी करनी है और मेन्स में कैसे सवालों की तैयारी करनी है, इंटरव्यू में आप किस तरह परफॉर्म करेंगे। पाठ्यक्रम का सहारा लीजिए, कोचिंग का मार्गदर्शन लीजिए, कुछ कोचिंग के मैटेरियल का सहारा लीजिए। इन सभी का एक समावेशी एप्रोच रहेगा, नियमित रहेंगे, तो आप आराम से कोई भी एग्जाम क्वालीफाई कर पाएंगे।

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