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“राजयोग एक ऐसी ध्यान विधि है जिसके द्वारा चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते है। राजयोग सिर्फ 5-10 मिनट मन को एकाग्र कर परमात्मा से लगाने का जरिया ही नहीं, अपितु राजयोग एक श्रेष्ठ जीवनशैली है। इसके अभ्यास से मनुष्य का सर्वांगीण विकास होना संभव है। सीधे प
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श्रोताओं को संबोधित करती हुई ब्रह्माकुमारी।
ब्रह्माकुमारी शारदा दीदी ने राजयोग का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताया कि राजयोग अर्थात् स्वयं के ऊपर स्व नियंत्रक बन, फिर परमात्मा से अपनी बुद्धि रूपी तार को जोड़ना। जिससे हमारे भीतर की सुशुप्त शक्तियां जाग्रत होने लगती है तथा वह शक्तियां कार्य व्यवहार में भी आने लगती है। जब आत्म स्मृति से आत्म स्वरूप जागृत होता है तो उसका असर हमारे संस्कारों पर भी साफ दिखाई पड़ता है और संस्कार परिवर्तन करना आसान हो जाता है। इसलिए हमें राजयोगी जीवन शैली अपना कर अपने जीवन में होने वाले चमत्कारों को महसूस करना होगा। इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रोताओं ने राजयोग ध्यान पद्धति को सीखने की जिज्ञासा व्यक्त करते हुए अपने कदम इस मार्ग पर आगे बढ़ाने का प्रयास किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी कल्पना बहन ने किया।

प्रवचन माला में शामिल हुए श्रोता।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने बताया कि श्रोताओं के आग्रह पर इस प्रवचन को दो दिन और बढ़ाया गया। 5 जून को सामूहिक रूप से शाम 6.30 बजे विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर “हमारी धरती, हमारा भविष्य” विषय पर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

संबोधित करती हुई ब्रह्माकुमारी।
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