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विश्व प्रसिद्ध श्री मंगलनाथ में ग्रीष्म अवकाश के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान मंगलनाथ के दर्शन करने व भात पूजा कराने के लिए आ रही है। मंदिर में पूजन के लिए शासकीय रसीद कटवाना अनिवार्य है। ऐसे में मई के एक महिने के दौरान मंदिर में शासकीय रसीद के माध
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श्री मंगलनाथ मंदिर में ग्रीष्म अवकाश शुरू होने के बाद से प्रतिदिन ही श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। वहीं अवकाश के दिनों व मंगलवार को देशभर के श्रद्धालु मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष, भात पूजन, कालसर्प दोष, श्रापित दोष, अंगारक दोष, कुम्भ विवाह, अर्क विवाह सहित अन्य पूजन व ग्रह दोष की पूजा कराने पहुंचते है। मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया कि मई महिने में भात पूजन एवं अन्य पूजन करने वालों की अत्यधिक भीड़ रही। श्रद्धालुओं द्वारा पूजन कराने के लिए मंदिर समिति के माध्यम से शासकीय रसीदें काटवाई जाती है। इन शासकीय रसीदों से एक महिने में प्राप्त शुल्क से मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति को 41लाख 73 हजार 928 रूपए की आय प्राप्त हुई है। एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग के निर्देशन में मंदिर में लगी भेंटपेटी में प्राप्त राशि की गणना 31 मई को की गई। भेंटपेटी से एक महिने के दौरान 10लाख 13 हजार 820 रूपए की राशि प्राप्त हुई है। प्रशासक पाठक ने बताया कि मंदिर में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व व एसडीएम गर्ग के निर्देशन में मंदिर में विकास कार्यो के साथ ही देशभर से आने वाले दर्शनार्थियों को शीघ्र एवं सुलभ तरीके से दर्शन कराने की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा की जाती है।
मंदिर में 21 हजार का चेक दान में प्राप्त
रविवार को बड़ी संख्या में भक्त मंगलनाथ मंदिर में दर्शन को पहुंचे थे। वहीं इंदौर निवासी कर्ण एवं ऐश्वर्या महाडि़क द्वारा श्री मंगलनाथ मंदिर प्रबंध समिति को रुपए 21000 रूपए का दान राशि का चेक भेंट किया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रशासक केके पाठक द्वारा दानदाता को अंग वस्त्र व प्रसाद भेंटकर सम्मान किया गया। इस दौरान मंगलनाथ मंदिर के पुजारी महंत निरंजन भारती ने मंत्रोंपचार के साथ आशीर्वाद प्रदान किया।

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