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मध्य प्रदेश शासन की ओर से जारी आदेश में सरकारी और निजी संचालित महाविद्यालय में प्रवेश के समय ही पूरी फीस भरवाने को लेकर आदेश जारी किया है। इसके तहत विद्यार्थियों को प्रवेश के समय ही एक साथ पूरी फीस जमा करनी होगी। कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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इस आदेश को निरस्त करते हुए दोबारा आदेश जारी किया जाए और किस्त के माध्यम से बच्चों से फीस जमा करवाने की सहूलियत दी जाए। यह मांग को लेकर SBN पीजी कॉलेज व कन्या महाविद्यालय प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा।
छात्र अनिल जामोद, मुकेश मौर्य, बादशाह बड़ोले, बिल्लोरसिंग, सुनील, वीरेंद्र आदि ने बताया कि जिले में मध्यम वर्ग के बच्चे अध्ययन करते है। मध्य प्रदेश में विद्यार्थियों के पालक इतने सक्षम नहीं हैं कि एक साथ पूरी फीस जमा कर सके जिस प्रकार बीते वर्षों में किस्त के माध्यम से फीस जमा करवाई जाती थी।
उसी प्रकार वर्तमान आदेश को निरस्त करते हुए पूर्व की तरह ही फीस जमा करवाई जाए और प्रदेश में बहुत सी प्राइवेट कॉलेज में जैसे शासन द्वारा गाइडलाइन अनुसार पूरी फीस नहीं लेते हुए अधिक फीस विद्यार्थियों से वसूली जाती है। जिसे देखते हुए शासकीय और निजी संस्था संचालित महाविद्यालय को भी शासन की ओर से निर्धारित फीस ही विद्यार्थियों से ली जाए।
वहीं छात्रों ने बताया कि शासन के आदेश अनुसार विद्यार्थी की 75% उपस्थिति कॉलेज में अनिवार्य की है। महाविद्यालयों की तरफ से फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज की जाती है। जिससे महाविद्यालयों में छात्र प्रवेश तो ले लेते है, हालांकि, नियमित क्लास नहीं अटैंड करते है। जिस से पढ़ाई का स्तर दिन प्रतिदिन कम होते जा रहा है।
तो सुविधाओं से वंचित किया जाए
छात्रों ने कहा कि प्रत्येक कॉलेज में विद्यार्थियों से शपथ पत्र भी भरवाया जाए और जिस प्रकार शासन की तरफ से फीस भरवाई जा रही है। उसी तरह विद्यार्थियों को भी नियमित क्लास उपस्थिति दर्ज करवाई जाए। अन्यथा जो विद्यार्थी रेगुलर क्लास नहीं अटेंड करता है।
उन पर कार्रवाई करते हुई कॉलेज में मिल रही सुविधाएं से वांछित किया जाए। इसी तरह शासन ने जारी पूरी फीस का आदेश जल्द से जल्द निरस्त कर नया आदेश विद्यार्थियों के हित में निकाला। जिससे सभी वर्ग के विद्यार्थियों को पढ़ाई का लाभ मिल सके।

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