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‘उस पर दरिंदगी सवार थी। उसने मेरे बाल पकड़कर घसीटा और बोला, मैं ही अर्चना मैडम हूं। वो कॉल मैंने ही किया था। उस लड़के ने चेहरा कवर किया हुआ था, लेकिन इस झड़प में उसके ग्लव्स उतर गए थे। उसका दाहिना हाथ बहुत ज्यादा जला हुआ था।
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काफी देर झड़प के बाद जब वो कमजोर पड़ता दिखाई दिया, तो मैंने उसे धक्का मारा और वहां से भाग निकली। वो मेरा पीछा कर रहा था। कुछ देर बाद मुझे मेन रोड नजर आया। वहां गाड़ियों की आवाजाही थी, इसलिए वो सड़क पर नहीं आया। इसके बाद मैं सीधे अपने चाचा के पास गई जो थाने में हेड कॉन्स्टेबल हैं। उन्हीं की मदद से रिपोर्ट दर्ज करवाई।’
ये आपबीती सीधी रेप कांड की उस पीड़िता की है। जिसकी वजह से इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। दरअसल, इससे पहले भी कई लड़कियों के साथ रेप की वारदात हो चुकी थी, लेकिन लोकलाज के डर से उन्होंने थाने में शिकायत नहीं की थी।
इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी ब्रजेश प्रजापति मनोरोगी है। जब उसे पकड़ा तो उसने खुलकर सभी वारदातों को करना कबूल भी किया है और उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं है।
दैनिक भास्कर ने ग्राउंड पर जाकर इस पूरे मामले की पड़ताल की, तो पता चला कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए जंगल के भीतर एक स्पॉट बनाया था। भास्कर वहां तक भी पहुंचा, उन पीड़ित लड़कियों से भी बात की जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पढ़िए ये रिपोर्ट…

भास्कर पहुंचा टिकरी गांव से सटे जंगलों में…
इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने जंगल में एक खंडहर मकान का इस्तेमाल किया था। ये मकान मड़वासा चौकी क्षेत्र के जंगल में है। मेन रोड से इस मकान की दूरी चार किमी है। यहां तक पहुंचने के लिए आरोपी पहले लड़कियों को कॉल कर टिकरी गांव बुलाता था।
जिस कॉलेज में लड़कियां पढ़ती हैं वहां से टिकरी गांव 45 किमी दूर है। बस से सफर करने के बाद जब वे गांव के स्टाप पर उतरकर कॉल बैक करती थीं, तब आरोपी मैडम की आवाज में उनसे कहता था कि वे वहीं रुको, वह अपने लड़के को भेज रही है। इसके बाद आरोपी उन्हें बाइक पर बैठाकर जंगल में अपने ठिकाने पर ले जाता था।
भास्कर की टीम सीधी से 50 किमी दूर इस जंगल में पहुंची। इस मकान तक पहुंचने का रास्ता कच्चा है। बाइक यहां आसानी से जा सकती है। वहीं, दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं है। खंडहर हो चुके मकान के आसपास शराब की बोतलें पड़ी हुई थीं। यहां के लोगों से पता चला कि ये मकान आरोपी ब्रजेश का ही है, जो उसे ससुराल पक्ष की तरफ से मिला है।

टिकरी के जंगलों में ये वो खंडहर मकान है, जहां पीड़ित छात्राओं के साथ रेप की वारदात हुई।
रेपकांड के बाद ग्रामीण सहमे हुए; पुलिस बोली- आरोपी मनोरोगी
मड़वास गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि मुख्य आरोपी ब्रजेश प्रजापति 5 साल पहले सूरत की एक फैक्ट्री में काम करता था। वो आदतन अपराधी था। वहां भी वह काम करने वाले साथियों के मोबाइल चुराता था। इसके बाद वह जबलपुर के पास एक स्टील फैक्ट्री में काम करने लगा।
इस फैक्ट्री में हुए हादसे में उसके हाथ और शरीर का कुछ हिस्सा जल गया था। इन्हीं जले हुए हाथों को देखकर पीड़िताओं ने उसकी शिनाख्त की। स्थानीय लोगों के मुताबिक आरोपी ब्रजेश सीधी का रहने वाला है। उसके बोलने का लहजा शहर के लोगों जैसा था।
उसकी पहली पत्नी उसे छोड़कर भाग गई तो उसने दूसरी शादी कर ली। पिछले छह महीने से वह अपने ससुराल मड़वास में ही रह रहा था। उसे चोरी और लूटपाट की आदत थी। रेप कांड के खुलासे के बाद गांव के लोग सहमे हुए हैं।
पुलिस का कहना है कि आरोपी मनोरोगी है। जब उसे पकड़ा तो उसने हर वारदात को करना कबूल किया। उसे अपराध करने का कोई मलाल भी नहीं है। उसी की निशानदेही पर उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक बाकी के तीन आरोपी रिश्ते में मुख्य आरोपी के साले लगते हैं।

भास्कर ने चारों पीड़ित छात्राओं से बात की, चारों ने किया था आरोपी का मुकाबला
पहली पीड़िता ने रेप के एक महीने बाद दर्ज कराई FIR
इस रेप कांड की पीड़ित लड़कियां सीधी से 60 से 85 किमी के दायरे में रहती हैं। भास्कर की टीम उनके गांव पहुंची। दो पीड़ित सिंगरौली और 3 सीधी जिले की रहने वाली है। जिस पीड़िता ने 23 मई को एफआईआर दर्ज करवाई उसके साथ 20 अप्रैल को रेप की वारदात हुई थी।
पीड़िता ने कहा- जब आरोपी का कॉल आया, तब मैं अपने गांव में ही थी। कॉल पापा ने उठाया था। मैडम की बात सुनकर पापा ने मुझे फोन दिया। मैंने बात की और तुरंत बस पकड़कर टिकरी के लिए रवाना हो गई। आरोपी मुझे बाइक पर बैठाकर जंगल की तरफ ले गया।
मैंने विरोध करना शुरू किया तो उसने मुझे लाठी से पीटना शुरू कर दिया। मेरे साथ रेप किया। जैसे तैसे मैं उसके चंगुल से भागी। चारों तरफ जंगल था, अंधेरे में कुछ नजर नहीं आ रहा था। कई किमी भागने के बाद मुझे एक कच्चा खाली पड़ा एक घर दिखाई दिया में वहां जाकर छिप गई। पूरी रात वहां गुजारी।
सुबह घायल हालत में अपनी नानी के घर पहुंची। वहां मेरी मां भी थी। मैंने मां को पूरी बात बताई। भास्कर रिपोर्टर ने पूछा कि एफआईआर क्यों नहीं करवाई तब परिजन बोले- हमें बेटी की इज्जत का डर था और जिसने ये काम किया था उसके खिलाफ हमारे पास दूर दूर तक कोई सबूत नहीं था, इसलिए हमने पुलिस थाने में शिकायत नहीं की।

दूसरी पीड़िता बोली- मैंने उसके सिर पर लाठी से वार किया था
दूसरी पीड़िता को वारदात की तारीख याद नहीं, लेकिन उसके मुताबिक घटना 15 से 20 अप्रैल के बीच की है। पीड़िता ने कहा- जंगल के काफी अंदर पहुंचने के बाद जब मैने उसका विरोध किया तो उसने मुझे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया।
इसके बाद उसने मेरे साथ रेप किया और बंधक बनाया। मैं बेहोश हो गई। जैसे ही होश आया उसने फिर रेप करने की कोशिश की। मैं उसके चंगुल से भागी और मुझे एक लकड़ी दिखाई दी। मैंने वो उठाकर उसके सिर पर मारी, वहां से भाग गई।

तीसरी पीड़िता ने कहा- बुआ की बेटी को ले गई, उसके साथ भी रेप हुआ
तीसरी पीड़िता सीधी शहर के पास के एक गांव की रहने वाली है। वह कॉलेज में नहीं पढ़ती बल्कि आठवीं पास है। पीड़िता ने कहा- मैं गांव से 5 किमी दूर अपने फूफा के यहां घूमने गई थी। उसी वक्त आरोपी का फोन आया। मैंने उससे कहा कि मैं टिकरी गांव नहीं आ पाऊंगी तो वो मुझे बुआ के गांव तक लेने आया।
मैंने उससे कहा कि मेरी बुआ की बेटी भी साथ चलेगी। वह राजी हो गया। हम दोनों को बाइक पर बैठाकर जंगल की तरफ ले गया। वहां उसने दोनों से रेप किया।

चौथी पीड़िता ने रेप के बाद उसी दिन पुलिस को शिकायत की
चौथी पीड़िता के साथ 15 मई को वारदात हुई। उसने बताया- मैं सीधी में ही अपने रिश्तेदार के यहां रहती हूं। वह पुलिस में है। घटना वाले दिन वहीं पर थी, इसलिए जैसे ही दरिंदे का मैडम बनकर कॉल आया। मैं टिकरी चौराहे पर पहुंची। वह मुझे जंगल ले गया।
जब मैंने विरोध किया तो उसने मुझे पीटना शुरू कर दिया। मेरे साथ रेप किया। इसके बाद मेरे बाल पकड़कर बोला मैं ही मैडम हूं। वो कॉल मैंने ही किया था। कुछ देर बाद मैंने हिम्मत जुटाकर उसे धक्का दिया और वहां से भाग गई।

पीड़ित लड़कियों के परिजन बोले- इज्जत की खातिर दर्ज नहीं करवाई एफआईआर
इस पूरे मामले में खास बात ये है कि जब 16 मई को पहली एफआईआर दर्ज हुई उसके बाद बाकी पीड़ितों ने एफआईआर दर्ज करवाई। परिवार के लोगों का कहना है कि लड़कियों ने उन्हें सारी बता बताई थी, मगर लोक लाज के डर से वे एफआईआर नहीं कर रहे थे।
जब एक एफआईआर दर्ज हुई तो बाकी लड़कियों ने भी हिम्मत दिखाई और मामला दर्ज करवाया। परिवार के लोग बोले कि अभी भी ऐसी कई लड़कियां होंगी जो सामाजिक डर से सामने नहीं आ रही होंगी। जिस आरोपी ने इन वारदातों को अंजाम दिया उसे फांसी से कम सजा नहीं मिलना चाहिए।

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