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जबलपुर उपभोक्ता फोरम ने एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव, पतंजलि फूड्स, मैन्युफैक्चरिंग और लोकल डिस्ट्रीब्यूटर को नोटिस देते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पतंजलि जो शक्कर दे रहा है वह आम शक्कर के
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दायर किए गए परिवाद में अधिवक्ता रोहित चंद सराफ ने कोर्ट को बताया कि 1 किलो शक्कर में 50 मिलीग्राम सल्फर डाइऑक्साइड होना चाहिए पर लैब की जांच में पाया गया कि 65 मिलीग्राम प्रति किलो सल्फर डाइऑक्साइड पतंजलि की शक्कर में मिल रही है, जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। लैब की जांच में शक्कर में मिलने वाला सुक्रोज़ का लेवल भी 90 प्रतिशत की जगह 80 प्रतिशत पाया गया है। परिवाद में कोर्ट को यह भी बताया गया है कि पतंजलि का शक्कर में रसायन ना होने का दावा पूरी तरह से गलत है। ऐसे में बाजार में मिलने वाली शक्कर के समान ही पतंजलि की शक्कर में रसायन निकल रहा है। जबकि पतंजलि दावा करती है कि उनकी शुगर में रसायन नहीं होता है। मामले पर सोमवार को जबलपुर कंज्यूमर कोर्ट ने पतंजलि फूड के मैन्युफैक्चरिंग बाबा रामदेव, लोकल डिस्ट्रीब्यूटर को नोटिस जारी किया है।
शिकायत में अधिवक्ता रोहित चंद सराफ ने कोर्ट को बताया कि पतंजलि जो शक्कर बना रही है उसमें मिलावट है। हाल ही जांच रिपोर्ट में आया है। दरअसल जबलपुर के कंज्यूमर और एडवोकेट रोहित सराफ ने कोर्ट ने एक याचिका दायर कर कहा है की, पतंजलि अपनी बूरा शुगर को लेकर जो दावे कर रहा हैं, उस पर पतंजलि की शक्कर खरा नहीं उतरती। याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि, पतंजलि की बूरा शुगर में एक किलो शक्कर में 50 मिलीग्राम सल्फर डाइऑक्साइड होने का दावा करता है लेकिन शक्कर की जांच में 65 मिलीग्राम प्रति किलो सल्फर डाइऑक्साइड पाई गई है।
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