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गर्मी के बढ़ते तेवर को देखते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने मरीजों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं । पिछले कुछ दिनों से मौसम में लगातार बढ़ते तापमान के कारण डिहाइड्रेशन, बुखार, थकान, कमजोरी, उल्
.
यह है एडवाइजरी
मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ) रजनीश जोशी ने गर्मी के इस मौसम में कुछ खास बातों को ध्यान में रखने को कहा है। धूप में बाहर निकलते समय शरीर को ढक कर रखें, ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करते रहें, हल्का व्यायाम करें और यदि आवश्यक ना हो तो धूप में ना निकले। ऐसे व्यक्ति जिन्हें डायबिटीज या ब्लड प्रेशर इत्यादि की समस्या है उनको खास ध्यान रखना होगा। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने बढ़ते तापमान को देखते हुए लोगों को विशेष सावधानियां बरतने की सलाह देते हुए कहा की छोटी-छोटी बातों को अपना कर खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है।

एम्स भोपाल में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में मरीज
तीन दिन में मरीजों की संख्या
| तारीख | मेडिसिन विभाग की ओपीडी में मरीज | डिहाइड्रेशन की शिकायत वाले मरीज |
| 24 मई | 653 | 350 से अधिक |
| 25 मई | 462 | 300 से अधिक |
| 27 मई | 723 | 360 से अधिक |
स्वास्थ्य विभाग ने भी जारी की हीट स्ट्रोक एडवाइजरी
तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए सीएमएचओ भोपाल द्वारा हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही जिला अस्पताल से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक की संस्थाओं को लू के प्रकरणों के उपचार के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। हीट स्ट्रोक के प्रारंभिक प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओ आर एस कॉर्नर बनाए गए हैं। उल्टी, दस्त, बुखार के प्रबंधन और उपचार के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं स्वास्थ्य केंद्रों में सुनिश्चित की गई हैं।
गंभीर और घातक हो सकता है हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे हो सकती है या एकाएक भी आ सकती है। जटिल अवस्था होने पर किडनी काम करना बंद कर सकती है। लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
यह हैं लक्षण
- तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना।
- चक्कर और उल्टी आना।
- कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना।
- शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना।
- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना।
- अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना।
- भूख कम लगना।
- बेहोश होना।

लगातार बढ़ रही गर्मी के चलते स्वस्थ्य विभाग ने भी जारी की एडवाइजरी।
डिहाइड्रेशन की स्थिति से बचें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि बहुत अधिक समय तक धूप के सीधे संपर्क में न रहे। तेज गर्मी होने पर अधिक मात्रा में पानी पीना, सर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह से ढकना, हल्के सूती वस्त्र पहनना तथा धूप में चश्मा छाता, टोपी एवं जूता पहनना जरूरी है। पसीना अधिक आने की स्थिति में ओ आर एस घोल , लस्सी , मठ्ठा एवं फलों का रस पीना चाहिए । चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर रुक कर आराम करना, शीतल पानी अथवा उपलब्धता अनुसार फलों का रस लस्सी माथे आदि का सेवन किया जाना चाहिए। उल्टी होने ,सर दर्द, तेज बुखार की स्थिति होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सलाह लेनी चाहिए। लू लगने पर प्रारंभिक तौर पर व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेट कर आराम करवाना चाहिए। बुखार होने पर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगानी चाहिए । छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों का गर्मी के मौसम में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य संस्था में लें उपचार
हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है। लू लगने पर व्यक्ति शॉक में चला जाता है। लू लगने पर सबसे पहले मरीज को पानी पिलाकर शरीर के तापमान को कम करने के उपाय किए जाने चाहिए। शरीर में पानी की कमी ना हो इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।सामान्य तापमान के पानी में कपड़े को भिगोकर शरीर पर मलना चाहिए। मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना जरूरी है।
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