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राजमाता को श्रद्धांजलि देने भजन संध्या में उमड़ा शहर
ग्वालियर रविवार शाम राजमाता माधवी राजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देने के लिए भजन संध्या बुलाई गई थी। जिसमें दिल्ली के प्रसिद्ध भजन गायक विपिन वापना व उल्का वापना ने अपने गायन सुर से राजमाता को श्रद्धांजलि दी।
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इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरे परिवार के साथ वहां मौजूद रहे हैं। काफी संख्या में लोग श्रद्धांजलि भजन संध्या में पहुंचे थे। यहां भजन गायक विपिन वापना ने श्रीराम जय राम जय-जय राम गाकर अपने सुरों से राजमाता को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।

भजन संध्या में ज्योतिरादित्य व प्रियदर्शिनी राजे भावुक नजर आए
केन्द्रीय मंत्री व भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां व राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन 15 मई को सुबह 9.28 बजे दिल्ली के एम्स में हो गया था। 16 मई को राजमाता का ग्वालियर कटोरा ताल स्थित छत्री परिसर में राजशाही विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार के 11 दिन शुद्धिकरण के बाद 26 मई को ग्वालियर में छत्री परिसर में श्रद्धांजलि में भजन संध्या का आयोजन किया गया था। जिसमें में दिल्ली के प्रसिद्ध भजन गायक विपिन वापना व उल्का वापना ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने श्याम और श्रीराम जय राम जय-जय राम भजन गाकर राजमाता की श्रद्धांजलि सभा को जीवित कर दिया। वहां भजन संध्या में शामिल लोग भावुक नजर आए। भजन गायक एक के बाद एक प्रस्तुति देते चले गए। भजन संध्या में शामिल होने शहर व प्रदेश के कई मंत्री व राजनेता शामिल होने आए थे।

भजन संध्या में भजन गायक विपिन वापना अपनी प्रस्तुति देते हुए
ज्योतिरादित्य पूरे परिवार के साथ बैठे थे भावुक नजर आए
भजन संध्या में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया, बेटा महान आर्यमन सिंधिया और बहन चित्रागंधा के साथ बैठे नजर आए। इस दौरान पूरा परिवार काफी भावुक नजर आया। प्रियदर्शिनी राजे बार-बार अपनी आंख से आंसु पौंछती नजर आईं।

भजन संध्या में शामिल होने पहुंचा पूरा शहर
काफी संख्या में मंत्रीगण व लोग पहुंचे थे
राजमाता माधवी राजे को स्वरांजलि देने के लिए काफी संख्या में शहर के गणमान्य लोग कटोराजाल स्थित छत्री पर पहुंचे थे। यहां प्रदेश सरकार के कई मंत्री सहित शहर के वरिष्ठ नागरिक आए थे। दिल्ली के प्रसिद्ध भजन गायक विपिन वापना व उल्का वापना ने पूरा माहौल भावुक कर दिया था। हर किसी की आंख राजमाता की याद में झलक रही थी।
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