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Hemoglobin of a one and a half year old child reached 1 gram | डेढ़ साल के बच्चे का हीमोग्लोबिन 1 ग्राम पर पहुंचा: डॉक्टर बोले- पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चे के स्वास्थ्य पर रख रहे नजर – Panna News

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जिले में कुपोषण एक गंभीर समस्या बनी रही है। जिसकी श्रेणी में कई बच्चे जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। अभी हाल ही में पोषण पुनर्वास केंद्र पन्ना में मनीष आदिवासी नाम का बच्चा भर्ती हुआ है, जिसके खून में एक ग्राम हीमोग्लोबिन बचा है। मनीष जिंदगी की जंग लड़ रहा

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लेकिन पोषण पुनर्वास केंद्र की प्रभारी रश्मि त्रिपाठी ने दिनभर इधर उधर भटककर खून की व्यवस्था कर बच्चे को 1 यूनिट ब्लड चढ़वा दिया है। जिससे अब बच्चे की हालत में सुधार बताया जा रहा है।

पोषण पुनर्वास केंद्र में मनीष आदिवासी की फाइल चेक करतीं डॉक्टर रश्मि त्रिपाठी।

पोषण पुनर्वास केंद्र में मनीष आदिवासी की फाइल चेक करतीं डॉक्टर रश्मि त्रिपाठी।

बच्चे को तुरंत चढ़ाया खून

पन्ना के नजदीकी ग्राम पंचायत मनौर के नएपुरा गांव के डेढ़ वर्षीय मनीष आदिवासी को पोषण पुनर्वास केंद्र पन्ना में गंभीर हालत 23 मई को भर्ती कराया गया था, जिसकी स्थिति गंभीर है। पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मचारियों ने तत्काल इलाज की व्यवस्था की पोषक प्रशिक्षक रश्मि त्रिपाठी ने तत्काल इलाज और जांच की व्यवस्था कराई।

रक्त जांच में पता चला कि कुपोषित मनीष आदिवासी के शरीर के खून में हीमोग्लोबिन सिर्फ एक ग्राम ही बचा है। जिसे ब्लड की आवश्यकता थी, लेकिन ब्लड बैंक में एबी पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड उपलब्ध नहीं था। प्रभारी रश्मि त्रिपाठी ने ब्लड की व्यवस्था कराई और अधिकारियों और डॉक्टरों को जानकारी दी।

पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चे का इलाज करती डॉक्टर।

पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चे का इलाज करती डॉक्टर।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लेकर पहुंची पोषण पुनर्वास केंद्र

रश्मि त्रिपाठी ने बताया कि डेढ़ वर्षीय मनीष आदिवासी को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पोषण पुनर्वास केंद्र लेकर आई थी। साथ में उसकी मां जयंती आदिवासी है। पिता अल्लू गोड़ मजदूरी करने दिल्ली गया हुआ है।

पोषण पुनर्वास केंद्र में नियम अनुसार की व्यवस्था

सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता का कहना है कि अस्पताल कि जो व्यवस्थाएं हैं, नियमानुसार मिल रही हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में खाना, इलाज की व्यवस्था की गई है। हमारा प्रयास है शीघ्र मनीष आदिवासी स्वस्थ हो जाए।

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